संतरानगरी दहशत में: कई गुना बढ़ रहे है बाधित, एक ही दिन में 13 मौतें
नागपुर:- कोरोना का प्रकोप अब संतानगरी पर छा गया है। दो दिवसीय जनता कर्फ्यू लोगों द्वारा कर्मठता से मनाया गया। फिर भी, कोरोना संक्रमण के साथ मृत्यु की श्रृंखला टूट नहीं पाई। उल्टे पिछले पांच महीनों के दौरान के उच्चांक बन रहे हैं। एक ही दिन, 13 मौतें और 305 कोरोनाबाधित दर्ज किए गए। कोरोना की पकड़ फैलने से प्रशासन हिल गया है। विशेष रूप से, घातक कोरोना ने दो दिन के बच्चे की मां को भी निगल लिया। इससे हर जगह शोक चल रहा है।
जिले में गुणा-पद्धती से पीड़ितों की संख्या बढ़ रही है। बुधवार को एक ही दिन 305 लोग पॉजिटिव्ह होने के कारण कुल पिडीत संख्या 4,972 हो गई। मरने वालों की संख्या बढ़कर 109 हो गई है। इसके अलावा, 379 लोग दुरूस्त हुए, यह भी एक दिन में कोरोना को हरानेवालो का बड़ा आंकड़ा रहा, जो एक राहत की बात है।
नागपुर में मेयो और मेडिकल में 9 मौतों में से 2 पीड़ित बाहरी हैं। शेष 7 शहरके होने से प्रशासन में चिंता बढ़ गई है। मेयो अस्पताल में 6 मौतें हुई जिनमें 5 महिलाओं सहित 1पुरुष था।
गांधीबाग के एक 58 वर्षीय व्यक्ति को एक दिन पहले ही कोविड अस्पताल में भर्ती कराया गया था। हालांकि, उन्हें हृदय रोग के साथ-साथ सांस की बीमारी थी। उसमें यह पता चला कि कोरोना बाधित था। जफरनगर की एक 75 वर्षीय महिला को 23 जुलाई को सांस की समस्या के कारण मेयो में भर्ती कराया गया था। इस बीच, उन्हें कोरोना का पता चला। जादा उम्र के चलते श्वसन प्रणाली बुरी तरह प्रभावित थी। उनका बुधवार को निधन हो गया।
उत्तरी नागपुर के नारी रोड कामगार नगर की एक 68 वर्षीय महिला कोरोना से मृत हो गई। कोरोना की बीमारी के कारण उनका फेफड़ा फेल हो गया। सांस लेना मुश्किल हो गया। वेंटिलेटर पर रखा गया था। आखिरकार उसकी मृत्यु हो गई। पंचशीलनगर की एक 50 वर्षीय महिला की कोरोना के कारण मृत्यु हो गई। कलमना भरतनगर की एक 65 वर्षीय महिला की कोरोना के कारण मृत्यु हो गई।
महिला को 16 जुलाई को मेयो में भर्ती कराया गया था। तब से, वे लगातार उपचार जारी थे। मधुमेह और उच्च रक्तचाप जैसे विभिन्न खतरे कोरोना से बढ़ जाते है। डॉक्टरों ने कोशिश की, लेकिन आखिरकार 29 जुलाई को मेयो में उसकी मौत हो गई। बुधवार को 3 लोगों की मेडिकल में मौत हुई। कोरोना पीड़ित होने के बाद उन्हें 22 जुलाई को मेडिकल के लिए रेफर किया गया था। हालांकि, उनकी हालत गंभीर थी। उच्च रक्तचाप था। किडनी ट्रांसप्लांट की सूचना भी मिली। उन्हें अधिक खतरा था।
इसी कारण उसकी मौत हो गई। यशोधरनगर के 59 वर्षीय एक व्यक्ति को 29 जुलाई को दोपहर में कोरोना होने की सूचना मिली थी। सुबह चार बजे उनकी मौत हो गई। रामबाग के एक 50 वर्षीय व्यक्ति को 28 तारीख को मेडिकल में भर्ती कराया गया था। बुधवार को उनकी मृत्यु हो गई।
गर्भवती माँ की कोरोना से मौत: मध्य प्रदेश के मुलताई तहसील की एक 20 वर्षीय गर्भवती माँ को कोरोना से संक्रमित पाया गया। उसे गंभीर हालत में मेयो में भर्ती कराया गया था। कोरोना होने के बाद, डॉक्टरों ने खतरा होकर भी बच्चे को जन्म दिया। हालांकि, जैसे-जैसे रक्तचाप बढ़ता गया, वैसे हीमोग्लोबिन कम हुआ। डॉक्टरों ने बहुत कोशिश की, लेकिन मां को नहीं बचा सके। लेकिन दो दिन का बच्चा सुरक्षित है।
एक ही दिन में 379 कोरोना-मुक्त: एक तरफ, कोरोना संक्रमण बढ़ रहा है, जबकि मेडिकल मेयो, एम्स तथा कोविड केयर सेंटरों से एक ही दिन में 379 लोगों ने कोरोना को हराकर घरवआपसी कि, पांच महीने की अवधि में यह पहली बार है कि 379 लोगों को एक ही दिन छोडा गया है। परिणामस्वरूप, नागपुर जिले में कोरोना मुक्त लोगों की संख्या बढ़कर 3,069 हो गई है।
इनमें से 1,693 शहरी इलाकों में और 1,376 ग्रामीण इलाकों से है। वर्तमान में 1616 कोरोना पीड़ितों का नागपुर शहर में इलाज चल रहा है। मेयो में 378, मेडिकल में 297 और AIIMS में 40 शेष कोविड केयर सेंटर में उपचार प्राप्त कर रहे हैं।