उमरेड वेकोली क्षेत्र की काला पत्थर कोल खदान बनी बिजली उत्पादन की संजीवनी
कोयले की प्रसिद्ध उमरेड वेकोली क्षेत्र की काला पत्थर कोयला खदान राज्य में बिजली उत्पादन के लिए संजीवनी साबित हो रही है।कोरोना विषाणु संक्रमण के चलते देशभर में लॉक डाउन है पर कोल उत्पादन आवश्यक श्रेणी में आता है।इसी के चलते उमरेड वेकोली क्षेत्र में लगभग 2000 हजार मजदूर में कार्यरत हैं ताकि लोगों के घरों में लाईट रहे और बिजली की पूर्ति होती रहे।
विदर्भ के उमरेड में कोयले की खान है जो मकर धोकड़ा क्रमांक 1 से मकरधोकड़ा क्रमांक 3तक फैली हुई है। इन कोयलों की खानों से राज्य की बिजली आपूर्ति होती है साथ ही मध्यप्रदेश और कर्नाटक जैसे राज्यों की बिजली उत्पादन के लिए कोयला भी जाता है। वर्ष 2018-19 में कोयला उत्पादन 42 लाख 93 हजार 168 मीट्रिक टन हुआ था इस बार मजदूरों के परिश्रम से 2019- 20 में कोयला उत्पादन बढ़कर 48 लाख 48 हजार 541मीट्रिक टन होगया है।
क्षेत्रीय महाव्यवस्थापक आलोक कुमार का कहना है के उन्होंने इस उमरेड वेकोली क्षेत्र में काम कर रहे सभी कामगारों को मास्क , सेनिटाइजर और हैंड ग्लव्स भी प्रदान किए है साथ ही कोरोना संक्रमण के चलते इन पर नजर रखी जा रही है।
वहीं आलोक कुमार जो की इस क्षेत्र के महा व्यवस्थापक है उन्होंने यह भी बताया के सुरक्षा की दृष्टि से मुरपार तालुका स्तिथ चिमुर में फिलहाल काम बंद कर दिया गया है उत्पादन की दृष्टि से यह थोड़ा छोटा एरिया है। ड्रिलिंग और ब्लास्टिंग का काम पूरी तरह बंद है।