जर्जर हालत में ड्रेनेज और गड्ढे भरने जैसे काम भी शामिल थे। बारिश और अधूरे प्रोजेक्ट के कारण मैदान बदहाल है। जगह-जगह गड्ढे बन गए हैं। यहां के पवेलियन पर भी अतिक्रमण है। स्थानीय समाचार पत्रों में इसकी तस्वीरें प्रकाशित होने के बाद हाईकोर्ट ने संज्ञान लेकर पार्क से जुड़ी सू-मोटो जनहित याचिका पर सुनवाई शुरू की। कोर्ट के दखल के बाद पुलिस ने अतिक्रमण हटा दिया, पर पार्क अब भी बदहाल है। मैदान के एक हिस्से पर नागपुर मेट्रो का भी कामकाज चल रहा है।
न्यायालय के आदेश से कस्तूरचंद पार्क का निरीक्षण करने पहुंची एडवोकेट्स की टीम
दरअसल बहुत समय से नागपुर का नामचीन कस्तूर चंद पार्क जर्जर हालत में था।पार्क की इस स्थिति पर कई बार लोगों ने आपत्ति जताई और पार्क के लिए उत्तरदाई संस्था ने कोई खास ध्यान नहीं दिया था।
और पार्क की स्तिथि में सुधार हेतु निरक्षण के लिए आज 2 निरीक्षकों की टीम को भेजा । जिसमे एडवोकेट्स की टीम थी और एडवोकेट भंडारकर भी इस टीम में शामिल थे ।
निरक्षक टीम ने पार्क का अच्छी तरह जायजा लिया और अब वह इस पर सुधार के लिए रिपोर्ट आगे भेजेंगे। और कोर्ट अपनी निगरानी में पार्क का जीर्णोद्धार करेगी।