मुख्यमंत्री ठाकरे ने कोरोना के चलते दीवाली पर नागरिकों से सतर्क रहने के अपील की व आवश्यक निर्देश दिए
एक तरफ कोरोना संक्रमण लहर का डर तो दूसरी ओर दीपावली जैसा बड़ा त्यौहार,इसी विषय में विचार विमर्श करते हुए मुख्यमंत्री ठाकरे ने आज मुंबई नगर निगम के अधिकारियों के साथ बैठक की।परिवहन मंत्री अनिल परब, राज्य कार्यबल के अध्यक्ष डॉ संजय ओक,डॉ शशांक जोशी,नगर आयुक्त आय एस चहल, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त मुख्य सचिव आशीष कुमार सिंह, प्रमुख सचिव विकास खड़गे,अतिरिक्त आयुक्त,संयुक्त आयुक्त, मुंबई नगर निगम के उपायुक्त उपस्थित थे।
मुंबई में कोरोना रोगियों की संख्या वैसे तो पिछले कई दिनों में घटी है लेकिन इसके बावजूद,मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने पश्चिम में दूसरी लहर के लिए लोगों से अगले कुछ महीनों में व्यवस्था के साथ और अधिक सतर्क रहने की अपील की है।मुंबई में कोरोना उपचार के लिए जंबो सुविधाओं को बनाए रखा जाना चाहिए और मरम्मत की जानी चाहिए।ताकि भविष्य में जरूरत पड़ने पर उनका इस्तेमाल किया जा सके।मुख्यमंत्री ने आज यहां कहा कि मेरा परिवार नवंबर के अंतिम सप्ताह से मेरे जिम्मेदारी अभियान को लागू करने पर विचार कर रहा है।
मुख्यमंत्री ने मुंबई महानगर में मेरा परिवार मेरा उत्तरदायित्व अभियान के सफल कार्यान्वयन के लिए नगर आयुक्त और उनकी टीम को बधाई दी।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ठाकरे ने कहा कि लोगों को दिवाली की शुभकामनाएं देने के साथ ही,हम सभी को सतर्क रहना चाहिए और लोगों को जागरूक करना चाहिए कि कोरोना का खतरा अभी खत्म नहीं हुआ है।
उन्होंने नगर निगम के अधिकारियों से लोगों को समझाने की अपील की कि अगर प्रदूषण कम नहीं किया गया तो कोरोना का संकट जारी रहेगा। मरीजों की संख्या घट रही है,वैसे-वैसे नागरिकों को मास्क न पहनने की जरूरत लग रही है। ऐसा किए बिना, मास्क का उपयोग करने का अभियान तेज होना चाहिए।मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि कानून का डर दिखाते हुए मास्क का उपयोग सार्वजनिक जागरूकता पर अधिक जोर देने के साथ किया जाना चाहिए।
आगे कहते हुए कहा कि राज्य सरकार इसे चरणों में अनलॉक कर रही है, भीड़ और दिवाली को नियंत्रित करना आवश्यक है और अगले 15 दिन बहुत महत्वपूर्ण हैं। कोरोना को देखते हुए, मुख्यमंत्री ने मुंबई में संचारी रोगों के उपचार के लिए 5000 बेड का अस्पताल स्थापित करने का निर्णय लिया। उन्होंने नगर निगम के अधिकारियों को यह भी निर्देश दिया कि इस अस्पताल का काम जनहित को ध्यान में रखते हुए किया जाना चाहिए।