नागपुर में राखियों का 20 करोड़ का कारोबार! ECO फ्रेंडली राखियों की मांग सबसे ज्यादा
राखी के लिए नागपुर विदर्भ का मुख्य बाजार है और इस साल यहां 20 करोड़ से ज्यादा के कारोबार की संभावना है। इतवारी में 50 से अधिक थोक विक्रेताओं के माध्यम से कारोबार होता है। राखी का त्योहार आने में कुछ ही दिन बचे हैं और बाजार में खरीदारी के लिए महिलाओं की भीड़ बढ़ गई है। विक्रेताओं ने बताया कि कच्चे माल की कीमत बढ़ने से इस साल राखियों की कीमत में 10 से 15 फीसदी तक बढ़ोतरी हुई है.
नागपुर सदैव राखी व्यवसाय का मुख्य केन्द्र रहा है। यहां से हर जगह सामान भेजा जाता है. इस साल अमेरिकन स्टोन, फैंसी, ईविल आई, लूंबा, मोती, यूनिकॉर्न, डोरोमन, बैडमैन, पबजी, कार्टून, छोटा भीम, लाइट, संगीत वाली राखियों की मांग है। इसके अलावा देसी और इको फ्रेंडली राखियां सबसे ज्यादा बिक रही हैं। प्राकृतिक तरीकों से बनी मेलघाट की बांस की राखियों की मांग देश-विदेश में बढ़ गई है. ये राखियां मेलघाट के आदिवासियों द्वारा तैयार की जाती हैं।