COVID-19:- घर में रहकर ले पुस्तकों का आनंद
नागपूर:- पुस्तकें मनुष्य की सबसे अच्छी दोस्त होती हैं जो निस्वार्थ रूप से निरंतर ज्ञान प्रदान करती हैं, प्रगतीपथ पर अग्रसर होने हेतु हमें प्रेरित करती हैं और यह हमारे साथ तब भी होती है जब कोई हमारा साथ नहीं देता है। जिन्होंने पुस्तकों के महत्व को जानकर इसे अपनाया है, उन्होंने हमेशा समाज में अपना अलग वर्चस्व स्थापित किया है। कोई भी उम्र या समय हो, मनुष्य को जीवनभर पुस्तकों से जुड़े रहना चाहिए और अकादमिक, साहित्यिक, सामान्यज्ञान, विज्ञान, अनुसंधानात्मक, पर्यावरणीय, ऐतिहासिक विषय या जिसमें भी आपकी रुचि हो वे पुस्तकें पढ़ना चाहिए।
आज दुनिया में, कोविड-19 महामारी ने सभी को अपने घरों में बंद कर दिया है, अर्थात् नागरिकों को अपने घरों में रहते हुए सरकार द्वारा निर्देशित नियमों का कड़ाई से पालन करना है और सच्चे देशवासी होने का फर्ज निभाना है, इसलिए घर पर रहकर, अपने इनडोर हॉबी को बढ़ावा देते हुए समय का सदूपयोग करना चाहिए और विशेष रूप से पुस्तकें पढ़ने की आदत को बनाए रखना चाहिए क्योंकि एक पुस्तक के रूप में वफादार कोई दोस्त नहीं है।
पुस्तकें मनुष्य को ज्ञान, सकारात्मक उर्जा, मानसिक बल, मार्गदर्शन, समाधान, धैर्य, यारदाश्त वृद्धि, संवेदनशीलता, एकाग्रता, प्रेरणा, प्रोत्साहन, सफलता, जिम्मेदारी का अहसास, जागरूकता, आत्मविश्वास, अद्यतन सुचना, मनोरंजन प्रदान करती है और अकेलेपन, तनाव, ऊब से छुटकारा दिलाती है।
आमस्थानीय, राष्ट्रीय, अंतर्राष्ट्रीय स्तर के पुस्तकालयों की सहज सदस्यता प्राप्त करके असंख्य पुस्तकों का अध्ययन कर सकते हैं, देश-विदेश के अधिकतम पुस्तकालय संस्थानों, सरकारी, अनुसंधान केंद्रों, कॉलेजों, विश्वविद्यालयों, सार्वजनिक, शैक्षिक पुस्तकालयों का उपयोग इंटरनेट के माध्यम से आईडी पासवर्ड द्वारा किया जाता है, अधिकतर यह सेवाये निःशुल्क रूप मे प्रदान होती हैं।
पुस्तकों के कई प्रकार:- आम तौर पर हम अक्सर पाठ्य पुस्तकों या साहित्यिक पुस्तकों को पढ़ते और देखते हैं, लेकिन इसके अलावा भी कई प्रकार होते है जैसे दुर्लभ पुस्तकें, तकनीकी ई-पुस्तकें, संदर्भ पुस्तकें। संदर्भ पुस्तकों के बारे में लोगो को ज्यादा जागरूकता नहीं है। संदर्भ पुस्तकों का महत्व भी बहुत अधिक है। संदर्भ पुस्तकें किसी विशेष आवश्यकता की पूर्ति के लिए होती हैं.
तौर पर हर घर में किताबें होती हैं और कुछ लोगों के पास तो घर में एक छोटे-से पुस्तकालय जैसा किताबों का संग्रह भी होता है यानी हर इंसान को आसानी से किताबें मिल सकती हैं और अब हम आधुनिक तकनीक की मदद से दुनिया के कोने-कोने में उपलब्ध पुस्तको का उपयोग घर बैठे कर सकते हैं।
लॉकडाउन में, हम अपने घरों में किताबें पढ़े और अगर किताबें हमारे पास उपलब्ध नहीं हैं, तो कोई बात नहीं क्योंकि ऑनलाइन लाइब्रेरी हम पाठकों की सेवा करने के लिए सदैव उपलब्ध है, उदाहरण के लिए, देश में सबसे बड़ी राष्ट्रीय डिजिटल लाइब्रेरी (एनडीएल) निशुल्क सेवा प्रदान करती है, एनडीएल की सदस्यता लेकर, आप इंटरनेट के माध्यम से करोड़ों में उपलब्ध सभी प्रकार के साहित्य का मुफ्त में सदूपयोग कर सकते हैं।
यहां सभी वर्गों के पाठकों के लिए सबसे अच्छा अमूल्य साहित्यस्रोत है। इसी तरह, कई पुस्तकालय अपने पाठकों को ई-पाठन साहित्यसामग्री प्रदान करते हैं ताकि हम अपनी आवश्यकता के अनुसार यहां से ई-पुस्तकें डाउनलोड कर सकें या ऑनलाइन किताबें पढ़ सकें।
जैसे- जीवनी (व्यक्तिगत आत्मकथाएँ), शब्दकोश (शब्द परिभाषाएँ, अर्थ), निर्देशिकाएँ (पते और स्थान), विश्वकोश (व्यापक अवलोकन), गैजेटर्स (भौगोलिक जानकारी), हैंडबुक (विषय विशेष सुगम सूचना), मैनुअल (निर्देशित गाइड), वार्षिकि (प्रतिवर्ष प्रकाशित अद्यतन विशिष्ट पुस्तक), दृश्य श्रव्य संसाधन, सांख्यिकीय, थिसॉरस, अनुक्रमणिका, ग्रंथसूची, ऐसे विविध पुस्तकों को संदर्भ पुस्तकों के रूप में वर्गीकृत किया गया है। किसी भी पुस्तकालयों में आपको संदर्भ पुस्तकों का संग्रह देखने को मिल जायेगा।
पुस्तपुस्तकों के महत्व को कभी भी कम नहीं आंका जा सकता है चाहे कोई भी दौर आये, पुस्तकों से दोस्ती करके हर चीज को सीखने के साथ जीवन मे आगे बढ़ सकते हैं। किताबों में इतना खजाना छिपा है कि कोई भी चोर कभी नहीं लूट सकता। दिक्कते होंगी लेकिन हमे सामना करना है, यह मुश्किल वक्त भी गुजर जायेगा, तो हमेशा सकारात्मक सोचें, सरकार को सहयोग करे, कृपया घर मे ही व्यस्थ रहें, सुरक्षित रहे।
कें हमारे ज्ञान का विस्तार करने के सर्वोत्तम तरीकों में से एक हैं। वे निश्चित रूप से ज्ञान के लिए प्यासे व्यक्ति को संतुष्ट कर सकते हैं। एक व्यक्ति जो नियमित रूप से किताबें पढ़ता है, उसका व्यक्तित्व अच्छा होता है और वह उन लोगों की तुलना में अधिक आश्वस्त होता है जो ऐसा नहीं करते।