मॉनसून में भारत पर फिर हमला कर सकता है कोरोना:-एक्सपर्ट की चेतावनी
भारत सरकार ने 25 मार्च को 21 दिन के लिए राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की घोषणा की थी. इसके बाद इस बीमारी से सख्ती से निपटने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लॉकडाउन 3 मई तक बढ़ा दिया.सरकार के कड़े फैसलों के कारण ही आज भारत में कोरोना संक्रमितों की संख्या दुनियाभर के देशों की तुलना में काफी कम है. भारत में अभी तक 27,000 से ज्यादा लोग कोविड-19 पॉजिटिव पाए गए हैं, जिनमें से साढ़े 800 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है.
चीन ने महामारी को नियंत्रित करने के बाद यात्रा से जुड़े मामलों में थोड़ी ढिलाई बरती थी, जिसके बाद वहां फिर से कोरोना संक्रमितों के मामले बढ़ने लगे. राजेश आईआईएससी और टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च (टीआईएफआर) के अध्ययनकर्ताओं द्वारा कोरोना पर रिसर्च पेपर्स के सहयोगी लेखक भी हैं.
समित भट्टाचार्य ने आगे कहा कि आने वाले समय शायद कोरोना वायरस के कुछ नए मामलों में उछाल देखने को मिले और यही इस महामारी की दूसरी लहर होगी. उन्होंने संभावना जताई कि भारत में कोरोना वायरस की दूसरी लहर जुलाई के अंत या अगस्त में वापस लौट सकती है. भारत में जुलाई-अगस्त मॉनसून के महीने होते हैं. इस दौरान भारत में कोरोना संक्रमितों की संख्या इस पर निर्भर होगी कि हमने इसे नियंत्रित करने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग का कितना ख्याल रखा है.
कोरोना वायरस के खतरे को कम करने के लिए दुनियाभर के देश लॉकडाउन का सख्ती से पालन कर रहे हैं. भारत में भी लॉकडाउन के बाद कोरोना की रफ्तार काफी धीमी हुई है. हालांकि लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग से भारत के लिए अभी भी खतरा कम नहीं हुआ है. वैज्ञानिकों का दावा है कि कोरोना वायरस आने वाले समय में भारत को एक झटका और दे सकता है.
शिव नादर यूनिवर्सिटी में मैथेमैटिक्स डिपार्टमेंट के एसोसिएट प्रोफेसर समित भट्टाचार्य ने पीटीआई के हवाले से कहा, ‘इसमें को दोराय नहीं कि कोरोना संक्रमितों के मामले तेजी से ऊपर गए हैं और लॉकडाउन में कुछ हफ्तों के बाद इनका ग्राफ भी तेजी से नीचे गिरेगा.’
बेंगलुरु के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस (आईआईएससी) के प्रोफेसर राजेश सुंदरसन भी समित भट्टाचार्य की इस बात से इत्तेफाक रखते हैं. राजेश कहना है कि सामान्य गतिविधियों के शुरू होते ही इंफेक्शन फैलने का खतरा तेजी से बढ़ सकता है.