प्लाज्मा दानकर्ता आगे नहीं आ रहे, ऐसे में दो बार प्लाज्मा दिया
नागपुर:- कोरोना रोगियों की संख्या में जबरदस्त वृद्धि हो रही है। बीमारी से मुक्त लोगों की संख्या भी अब कम नहीं है। तीव्र अत्यवस्थ को ठीक करने के लिए प्लाज्मा थेरेपी का विकल्प राजधानी में उपलब्ध है। प्रयोगों से पता चला है कि जिन रोगियों के ऑक्सीजन और गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) में भर्ती होने की आवश्यकता है प्लाज्मा थेरेपी उनके लिए वरदान है।
इस कारण, नागपुर में मेयो-मेडिकल कॉलेज सहित राज्य भर के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में प्लाज्मा थेरेपी इकाइयाँ स्थापित की गईं। हालांकि, प्लाज्मा थेरेपी का व्यापक रूप से उपयोग नहीं कि जा रहा दिखाई देता है। दानदाता प्लाज्मा दान करने के लिए आगे आते नहीं देखा जा रहा। इस बीच, नागपुर में मेयो अस्पताल को एक बार नहीं, बल्कि सामाजिक प्रतिबद्धता से दो बार एक डोनर ने प्लाज्मा दान किया।
दो बार प्लाज्मा दान करने वाले दानदाता का नाम विपुल देवनाथ है। विपुल को दो महीने पहले कोरोना संसर्ग हुआ था। पर घातक कोरोना पर उन्होंने काबू पा लिया। उन्होंने पढ़ा कि कोरोना बीमारी मे प्लाज्मा थेरेपी फायदेमंद है। परिणामस्वरूप, उन्हें मेयो के पैथोलॉजी विभाग के प्रमुख से संपर्क किया, और प्लाज्मा दान किया।
उपराजधानी में लगभग 2,000 लोगों ने कोरोना को अब तक हराया। पर, मेयो में पांच और मेडिकल मे पांच ऐसे कुल दस हि लोगों ने प्लाज्मा दान किया। इस प्लाज्मा का उपयोग नहीं किया गया था। पर, दानदाताओं ने प्लाज्मा दान से मुंह मोड़ लिया है। पर दोबारा प्लाज्मा डोनेट करने वाले विपुल का मेयो अधीष्ठाता, चिकित्सा अधीक्षक, और अन्य डॉक्टरोने सराहना की है।
प्लाज्मा चार महीने तक दान किया जा सकता है
प्लाज्मा थेरेपी कोरोना मरिजो के लिए जीवन रक्षक है। फिर भी प्लाज्मा डोनर्स की संख्या बहुत कम है। कोरोना टेस्ट पॉजिटिव आने के बाद 28 दिनों की आइसोलेशन अवधि समाप्त होने के बाद कोई भी मरीज प्लाज्मा दान कर सकता है। एक मरीज एक बार में 400 मिली प्लाज्मा दान कर सकता है। प्लाज्मा 15 दिनों के अंतराल पर 2-3 बार दान किया जा सकता है। प्लाज्मा दान करने से रोगी को कोई असुविधा नहीं होती है। हालांकि, कोरोना होने के चार महीने बाद तक प्लाज्मा दान किया जा सकता है।
कोरोनामुक्त हुए लोगों के लिए प्लाज्मा डोनेट करना अनिवार्य करने और इन जैसे मामले में ठिक होने पर पंद्रहवें दिन एक सामान्य परीक्षा के बाद स्वस्थ होनेपर प्लाज्मा दान अनिवार्य कराया जाए ऐसी चर्चाएं जोरों पर है। बीमारी से उबरे लोगों को सामाजिक प्रतिबद्धता को बनाए रखते हुए प्लाज्मा दान करना चाहिए।