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नागपुर संभाग के लगभग 10 जलाशयों का जल रिकॉर्ड स्तर पर 90 प्रतिशत तक बढ़ा
नागपुर : पिछली साल की अपेक्षा इस बार जून से अगस्त में हुई अच्छी मानसून ने नागपुर मंडल के सभी प्रमुख जलाशयों का जल स्तर रिकॉर्ड स्तर पर बढ़ा दिया है।
अगर बात करें टोटलाडोह बांध की तो यह नागपुर शहर की जीवन रेखा की तरह है, इस बांध में 95.25 प्रतिशत पानी का भंडार है और स्थानीय शासन का मानना है कि जलाशय में स्टॉक कम से कम दो साल के लिए नागपुर शहर की पानी की मांग को पूरा कर सकता है।
संभाग के 16 प्रमुख बांधों में से दस में पानी का स्टॉक 90 प्रतिशत से अधिक है, जो इस क्षेत्र के किसानों के लिए एक अच्छी खबर है। 2019 में 16 में से केवल पांच बांधों का जल स्तर 90 प्रतिशत से अधिक था। भंडारा जिले के बावनथड़ी में मंगलवार को कुल जल स्तर 92.75 प्रतिशत है, जबकि गढ़चिरौली में दीना बांध में 92.07 प्रतिशत जल भंडार है।
बात करें पिछले साल की तो इस तारीख में टोटलाडोह बांध में 65.95 प्रतिशत जल स्तर था।नागपुर जिले के कैम्पटी खैरी (99.53%) का भी लगभग पूरा स्टॉक है। 2019 में, कैम्पटी खैरी में 8 सितंबर को सिर्फ 38.43 प्रतिशत पानी का स्टॉक था।
असोलामन्धा जो कि चंद्रपुर जिले का एकमात्र प्रमुख बांध है, में पानी का स्टॉक 87.49 प्रतिशत है और यह कम से कम कुछ वर्षों के लिए जिले की पानी की माँग को पूरा करने में सक्षम है। गोसीखुर्द जलाशय जो भंडारा जिले की एक प्रमुख परियोजना है, में पानी का भंडार 48.71 प्रतिशत है।लोअर वर्धा (91.21%) और वर्धा जिले के बोर (89.39%) में भी मौसम का सबसे अच्छा जल स्तर है।
पूर्वी विदर्भ में पेंच और कन्हान नदियों में भी भारी वर्षा के कारण बाढ़ की स्थिति का सामना करना पड़ा।
अगस्त के आखिरी सप्ताह में मध्य प्रदेश और पूर्वी विदर्भ में भारी बारिश के कारण नागपुर डिवीजन के प्रमुख बांधों में जल स्तर में भारी वृद्धि हुई।
मानसून के तीन महीने खत्म हो गए लेकिन अभी भी एक महीना बाकी है और भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने इस महीने के दौरान और ज्यादा बारिश होने की संभावनाएं जताई है।