जिले में टेस्ट स्पीड अभी भी कम है, डॉक्टरों ने सावधानी बरतने की अपील की
डाक्टरों की माने तो मौसम में हो रहे बदलाव का असर सीधे तौर पर होता है। सितंबर की अपेक्षा अक्टूबर में कोरोना से मरने वाले मरीजों की संख्या कमी आ रही हैं।वहीं पाजिटिव पेशेंट भी कम हो रहे हैं।लेकिन प्रशासन द्वारा टेस्टिंग में सुस्ती बरती जा रही है।यही वजह है कि मामूली सर्दी, जुकाम को भी हल्के में लेना नुकसानदायक हो सकता है।
परन्तु संदेह होने पर तुरंत टेस्ट कराने पर ही बीमारी का पता चल सकेगा।इस बीच बुधवार को 976 नये संक्रमितों के साथ ही अब तक टोटल 84081 पर पहुंच गई है।वहीं अब तक 71602 मरीज स्वस्थ होकर अपने काम पर लौट चुके हैं।
मौसम का बिगड़ा हुआ मिजाज बार-बार लोगों को परेशान कर रहा है।अक्टूबर में ज्यादातर ठंड शुरू हो जाती है।लेकिन अब तक बारिश का ही सिलसिला यूंही जारी है। बेमौसम की बारिश एक बार फिर मुसीबतें ला सकती हैं।इस मौसम में बच्चों में सर्दी, जुकाम आम हो जाता है।और इसके कारण ही डाक्टरों ने सावधानी बरतने की अपील की है।
84081 कुल संक्रमित
2704 की मौत
71602 हुये ठीक
976 बुधवार को पाजिटिव
बुधवार को 24 घंटे के अंदर 22 मरीजों की मौत हो चुकी है। इनमें जिले के 18 मरीजों का समावेश रहा। जबकि 4 मरीज जिले से बाहर के रहे।इस तरह अब तक मरने वालों की संख्या 2704 हो गई है।बुधवार को 835 मरीजों को ठीक होने के बाद छुट्टी दी गई। इस तरह अब तक 71602 मरीज ठीक होकर अपने घर जा चुके हैं। अधिकाधिक पेशेंट्स के ठीक होने की वजह से अब रिकवरी रेट 85.16 फीसदी तक आ गया है। बुधवार को 976 पेशेंट्स में संक्रमण की पुष्टी हुई।वहीं अब तक टोटल 84081 हो गये हैं।फिलहाल जिले में 9775 एक्टिव केस है।इनमें आधे से अधिक होम आयसोलेशन में है।
पिछले दिनों प्रशासन द्वारा घर-घर जाकर लोगों की जांच की मुहिम शुरू की। इसके बावजूद टेस्ट कराने वाले नहीं बढ़ रहे हैं। बुधवार को कुल 5918 लोगों की जांच की गई। बताया जा रहा है कि जिन कर्मचारियों को जांच का दायित्व सौंपा गया है वे सिर्फ जानकारी लेकर ही डॉक्यूमेंट तैयार कर रहे हैं। वहीं महानगर पालिका द्वारा शुरू की गई मोबाइल फैसिलिटी का भी अधिकाधिक लोग फायदा नहीं ले रहे हैं।
गंभीर होने के बाद ही लोग हॉस्पिटल्स में जा रहे हैं और कोविड का टेस्ट करवा रहे हैं।शंका होने पर तुरंत हर व्यक्ति को टेस्ट करवाना चाहिए। बात करें टेस्टिंग की तो नागपुर को छोड़कर जिले में टेस्ट की गति अभी भी धीमी ही रही है।