प्रशंसनीय ! राजभवन में पक्षियों के लिए बर्ड कैफे शुरू
राज्यपाल राज्य का संवैधानिक प्रमुख होता है। महाराष्ट्र में बेहद खूबसूरत महलों की परंपरा रही है। नागपुर के सुंदर और भव्य राजभवन में अब एक बहुत ही अनोखा और रचनात्मक प्रयोग सफलतापूर्वक किया गया है। नागपुर के राजभवन में एक ‘बर्ड कैफे’ शुरू किया गया है।इससे पहले राजभवन जर्जर अवस्था में था। लेकिन रमेश येवाले ने यहां सुधार कर बदलाव किया है। उन्होंने क्षेत्र में पहला जैव-विविधता पार्क शुरू किया। अन्य परिवर्तनों का पालन किया। करीब 100 एकड़ में फैले राजभवन में कुदरत फैलने लगी। तालाब, खूबसूरत फूलों के बगीचे, जहां अनाज और फल लगाए गए हैं। उसके बाद येवले यहाँबॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी द्वारा सर्वेक्षण किया गया। यहां पक्षियों की करीब 164 प्रजातियां पाई गईं। येवले ने कहा कि राजभवन परिसर में मोर की संख्या केवल 60 से 70 है। शहरी क्षेत्र में होने के बावजूद यह पाया गया है कि राजभवन में इस क्षेत्र में इतनी जैव विविधता है। इस जैव विविधता के संरक्षण के लिए येवले की प्रशंसा की जा रही है।वर्तमान पीढ़ी चैट करने के लिए कैफे को याद करती है। लेकिन नागपुर के इस अत्याधुनिक कैफे में आप पक्षियों को एक साथ खाते-पीते देख सकते हैं। इस बर्ड कैफे में मोर, तोता, गौरैया, खारुताई, नकाटोड जैसे पक्षी देखने को मिलते हैं। कैफे को नागपुर के राजभवन में स्थापित किया गया है, जो लगभग 100 एकड़ में फैला है, विशेष रूप से स्थानीय पक्षियों के लिए। यह रमेश येवाले की अवधारणा है जो राजभवन के लिए जिम्मेदार हैं।
बर्ड कैफे की अवधारणा क्या है?
विदर्भ में भीषण गर्मी है। क्या होगा अगर इन जानवरों को गर्मियों में पर्याप्त भोजन न मिले? इसी को ध्यान में रखते हुए इस बर्ड कैफे की शुरुआत की गई थी। सुबह इस पक्षी कैफे में जाना एक खुशी की बात है। विभिन्न प्रजातियों के पक्षी एक ही स्थान पर रहते प्रतीत होते हैं। राजभवन में इस अनोखे कॉन्सेप्ट की तारीफ हो रही है.