नागपुर में बड़ा फर्जीवाड़ा,213.87 करोड़ की जीएसटी चोरी का भंडाफोड़
नागपुर: दरअसल जीएसटी महानिदेशालय (DGI) ने फर्जी दस्तावेज पेश करने पर आईसीटी मिहान में तंबाकू निर्यात करने वाली तीन कंपनियों पर नकेल कसी है।
यह खुलासा हुआ है कि तीनों कंपनियों ने फर्जी भुगतान कर 213.87 करोड़ रुपये का इनपुट टैक्स क्रेडिट लेकर जीएसटी की चोरी की है और अब इस बड़े रैकेट का भंडाफोड़ किया है।इससे पहले भी तंबाकू कारोबारियों पर करोड़ों रुपये की जीएसटी चोरी करने का आरोप भी लगा था।
जीएसटी महानिदेशालय के नागपुर मंडल कार्यालय ने 1 जुलाई को तंबाकू निर्यात करने वाली 3 कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की थी। हालांकि, तीनों कंपनियां क्षेत्र में अस्तित्वहीन पाई गईं। इस बीच, शहर के विभिन्न हिस्सों में सर्च ऑपरेशन चलाया गया। इस बार खुलासा हुआ कि मिहान आईसीडी में जो कंपनियां नहीं थीं, वे तंबाकू का निर्यात दिखाकर सैकड़ों करोड़ का इनपुट टैक्स क्रेडिट ले रही थीं। ये कंपनियां भी सिर्फ कागजों पर ही मौजूद थीं।
रजिस्ट्रेशन के बाद तीन महीने की अवधि के भीतर, गैर-मौजूद कंपनी ने विभाग के साथ एक शिपिंग बिल दायर किया। इसने धूम्रपान के लिए उपयोग होने वाले तंबाकू पाइप तथा सिगरेट उत्पादों के निर्यात को दिखाया एवं 213.87 करोड़ रुपये का इनपुट टैक्स क्रेडिट लिया।
बताया जा रहा है घोटाले के पीछे एक ही व्यक्ति मास्टरमाइंड है और भी कई सबूत मिले हैं। उसकी मदद से सूत्रधार की तलाश की जा रही है। 123.09 करोड़ रुपये के उपरोक्त रिफंड को जून में हिंगाना में सीजीएसटी कार्यालय से मंजूरी दी गई थी। इसके अलावा, जीएसटी महानिदेशालय के मंडल कार्यालय ने 89.90 करोड़ रुपये की वापसी रोक दी है क्योंकि यह पाया गया था कि वे नकली भुगतान की मदद से इनपुट टैक्स क्रेडिट ले रहे थे।
इसके साथ ही यह आशंका भी जताई जा रही है कि यह रैकेट सिर्फ तीन कंपनियों तक ही सीमित नहीं था बल्कि इसी तरह के संगठनों के माध्यम से फर्जी डॉक्यूमेंट्स की सहायता से कई कंपनियां फायदा ले रही थी। उसकी भी जांच की जा रही है।