आयुक्त मुंढे के घर पहुंचे नागरिक, क्या है कारण ?
नागपुर: नगर निगम ने बिना कोई सुचना दिए पानी के बिल का भुगतान नहीं करने पर नल कनेक्शन काट दिया। परिणामस्वरूप, नाराज नागरिकों ने रविवार दोपहर आयुक्त मुंढे के आवास पर धावा बोल दिया। पानी के लिए आए इन नागरिकों में और भी अधिक गुस्सा बढ गया जब कमिश्नर ने इन नागरिकों को पुलिस स्टेशन का रास्ता दिखाया। पुलिस ने पार्षद अभय गोटेकर, पार्षद रूपाली ठाकुर, भाजपा शहर उपाध्यक्ष परशु ठाकुर सहित सैकड़ों लोगों को गिरफ्तार किया।
विश्वकर्मा नगर में म्हाडा कॉलोनी में पानी के बिल को लेकर विवाद जारी है, म्हाडा ने यहां घरों के पानी के बिल का भुगतान नहीं किया। तो करिब पचास पानी मिटर काटे गए, पानी की कमी के कारण नागरिक आंदोलित थे। नागरिक सीधे पार्षद अभय गोटेकर और पार्षद रूपाली ठाकुर के पास पहुंचे। दोनों भाजपा नगर उपाध्यक्ष परशु ठाकुर और सैकड़ों नागरिकों के साथ सिविल लाइंस स्थित नगर आयुक्त के निवास पर पहुंचे। नागरिकों के अचानक मार्च के कारण आयुक्त के संरक्षण में जो पुलिस है उनमें भी खलबली मच गई।
पार्षद और नागरिक आयुक्त के घर के सामने बैठ गए। नागरिकों ने नारे भी लगाए। नल बंद होने से नागरिकों की विगत तीन दिनों से दुर्दशावहै। नगर निगम के अधिकारियों के साथ चर्चा के बाद भी कोई हल नहीं निकला, यह कहा निगम पार्षद रूपाली ठाकुर ने। नागरिकों ने बिल का भुगतान करने के लिए अधिकारियों से तीन दिन का समय मांगा। उन्होंने हां भी कहा, लेकिन अपने वादे को पूरा किए बिना, अधिकारियों ने पाइपलाइन कनेक्शन काट दिए, पार्षद अभय गोटेकर ने कहा।
आयुक्त ने नागरिकों को संतुष्ट तो नहीं किया उल्टे उन्हें पुलिस को सौंप दिया। सीताबर्डी पुलिस ने निगमायुक्त अभय गोटेकर, पार्षद रूपाली ठाकुर, भाजपा शहर उपाध्यक्ष परशु ठाकुर सहित नाराज नागरिकों को भी गिरफ्तार किया। गोटेकर ने मांग की कि पुलिस उन्हें दो या तीन दिनों के लिए हिरासत में रखे, लेकिन नागरिकों को पानी मुहैया कराए। यह आशंका जताई जा रही है कि आंदोलन और तेज हो जाएगा क्योंकि नागरिक इस बात पर अड़े हैं कि जब तक नल चालू नहीं हो जाता, वे पीछे नहीं हटेंगे।
पानी की दरों में बढ़ोतरी के खिलाफ आंदोलन की तैयारी: आयुक्त ने मार्च में पानी की दरों में पांच प्रतिशत की वृद्धि करने का फैसला किया। कोरोना अवधि के दौरान लोगों के सामने आर्थिक संकट के दौरान पानी की कीमतों में बढ़ोतरी अन्यायपूर्ण है नागपुर विकास परिषद ने 10 अगस्त को कमिश्नर के इस फैसले के खिलाफ संविधान चौक पर एक आंदोलन की तैयारी कर रखी है।