आयुक्त राधाकृष्णन भी मुंढे के प्रस्ताव पर सहमत: डॉक्टर गंटावार का प्रमोशन!
नागपुर: पूरा नगर निगम जिस डॉक्टर प्रवीण गंटावार के निलंबन की मांग कर रहा था पर उसकी अनुमति तत्कालीन कमिश्नर मुंढे ने नहीं दी थी। इसके लिए उन्होंने नगरपालिका के सभी पदाधिकारियों का विरोध सहन किया था। मुंढे के यहां से तबादला होने के बाद, यह अनुमान लगाया गया था कि डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। क्योंकि महापौर संदीप जोशी ने भी सदन में उनके निलंबन का आदेश दिया था। लेकिन उनके खिलाफ कार्रवाई के बजाय, उन्हें स्वास्थ्य अधिकारी के रूप में अतिरिक्त ज़िम्मेदारी सौंपकर उन्हें प्रमोशन दिया गया। विशेष यह, रिश्वतखोरी विभाग ने उसके खिलाफ गलत व्यवहार का मामला दर्ज किया है।
मुंढे के खास समझे जानेवाले डॉ गंटावार के प्रमोशन को वर्तमान आयुक्त राधाकृष्णन बी ने पूर्व आयुक्त के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। वह मनपा के इंदिरा गांधी अस्पताल में सहायक स्वास्थ्य अधिकारी (जनरल सर्जन) के पद पर कार्यरत हैं। जब मुंढे कमिश्नर के रूप में आए, उन्हें कोविट का समन्वयक बनाया गया था। वह अचानक सबकी चर्चा में आए। मेयर जोशी समेत सभी नगरसेवक उनके अशिष्ट व्यवहार के लिए उनसे नाराज थे। वरिष्ठ नगरसेवक दयाशंकर तिवारी भी उनके अशिष्ट व्यवहार से प्रभावित थे।
तिवारी ने मनपा की बैठक में गंटावार और उनकी पत्नी के गैरव्यवहार सामने लाए थे। मेयर जोशी ने उनके निलंबन के आदेश दिए थे। हालांकि, तत्कालीन कमिश्नर मुंढे ने स्पष्ट रूप से इसका खंडन किया था। रिश्वतखोर विभाग ने उनके घर पर छापा मारा। यह भी संदेह है कि वे कुछ ठगों को एलेक्सिस अस्पताल ले गए और छापा मारा। उसी मामले में साहिल सैयद को गिरफ्तार किया गया है।
डॉ गंटावार और उनकी पत्नी एक ही जगह काम कर रहे हैं। उनकी पत्नी की सेवा पुस्तिका सदन को उपलब्ध कराने के मांग के बाद भी उपलब्ध नहीं कराई गई थी। मध्य प्रदेश में, उन्हें एक और नाम के तहत कांग्रेस नेता के रूप में जाना जाता है। दयाशंकर तिवारी ने नगर निगम हॉल में कांग्रेस नेताओं के साथवाले होर्डिंग भी दिखाए थे।