जिला परिषद् में कोरोना इफेक्ट , केवल अधिकारियों को प्रवेश की अनुमति
नागपूर:- जिला परिषद के लगभग 3-4 विभागों में कर्मचारियों के कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद से ही सीईओ योगेश कुंभेजकर ने मुख्यालय में अधिकारियों, पदाधिकारियों व जिप सदस्यों व ड्यूटीरत कर्मचारियों को छोड़कर बाकी किसी के भी प्रवेश पर रोक लगा दी है।सिटी में तेजी से बढ़ते कोरोना प्रभाव और मौतों के चलते जिप के कर्मचारियों में भी डर का माहौल बन गया है।
स्वास्थ्य,शिक्षा,सामान्य प्रशासन विभाग में कर्मचारियों के कोरोना संक्रमित होने के बाद से ही बाकी कर्मचारियों में इस बात को लेकर गुस्सा था कि कार्यालय में जो बाहरी व्यक्तियों का अपने कार्य के लिए बड़ी तादात में आना हो रहा है उससे वो भी जोखिम में है ।
कुछ विभागों के कर्माचारियों में तो इसलिए रोष में थे कि सरकार ने 15 फीसदी या 15 कर्मचारियों को ही रोटेशनल शिफ्ट में बुलाया जाना चाहिए लेकिन 1-2 विभागों में उससे अधिक लोगों की ड्युटी लगाई जा रही थी।
अब जब जोखिम बढ़ गया तब जिला परिषद मुख्य कार्यालय में अन्य लोगों के प्रवेश पर रोक लगाने का निर्णय लिया गया।
फोन से संपर्क
सीईओ द्वारा जारी गाइडलाइन के अनुसार कहा गया है कि जिन्हें जरूरी काम है वे उन विभागों के विभाग प्रमुख से फोन, मोबाइल, ई-मेल, मैसेज आदि के जरिए संपर्क कर जानकारी जुटा सकते हैं।इससे पहले भी मुख्य द्वार पर थर्मल स्क्रिनिंग, सेनिटाइनजर व आने-जाने वालों के नाम-काम आदि नोट करने के लिए कर्मचारियों को बिठाया गया था ।लेकिन कुछ दिनों के बाद यहां लापरवाही होने लगी थी।
बिना स्क्रिनिंग के बिना कोई डिटेल लिए ही लोगों को धड़ल्ले से कार्यालय में प्रवेश दिया जा रहा था ।सबसे ज्यादा खतरा समाज कल्याण विभाग में नजर आ रहा था वहां विविध योजनाओं के अनुदान के लिए आवेदकों की भारी भीड़ मिल रही थी।इसी तरह बांधकाम विभाग में ठेकेदारों का जमघट नजर आ रहा था।