कोरोना इफेक्ट- सादगी से मना पोला घर,आज मनेगा तान्हा पोला
नागपूर:- कोरोना संक्रमण के चलते मंगलवार को बैलों का त त्यौहार पोला घरों में ही सादगी पूर्ण मनाया गया।सालभर खेती में काम करने वाले बैलों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने लिए ही यह त्यौहार मनाया जाता है।ग्रामीण इलाकों में यह त्यौहार धूमधाम से मनाया जाता है। नगर में पारडी, जूनी शुक्रवारी, काछीपुरा सक्करदरा सहित कई जगहों पर शाम को बड़ा पोला रहता है ,लेकिन इस बार जिलाधिकारी रवीन्द्र ठाकरे द्वारा पोले को सार्वजनिक रूप से मनाने पर रोक लगाए जाने से कहीं भी यह आयोजन नहीं हुआ।उनकी अपील पर लोगों ने बैलों की पूजा आदि अपने घरों पर ही रहकर की ।हर वर्ष पोले पर दिखने वाली रौनक इस बार दिखाई नहीं दी।
तान्हा पोला
बड़े पोले के पाड़वे पर बुधवार को शहर में छोटे बच्चों का तान्हा पोला भी सादगी से बिना कोई ताम-झाम के घरों में ही मनाया जाएगा।वैसे तान्हा पोला सिर्फ विदर्भ में ही मनाया जाता है।तान्हा पोला की शुरुआत वर्ष 1806 में राजे रघुजीराव भोसले (द्वितीय) ने कि थीं इसका लक्ष्य यह था कि छोटे बच्चे भी अन्न पकाने में महत्वपूर्ण बैलों की महत्ता जानें।इसे करीब 215 वर्ष हो गए हैं।
इस साल पारम्परिक मारबत-बड़ग्या का जुलूस नहीं निकलेगा
कोरोना प्रभाव के चलते बुराई के प्रतीक के रूप में पोले के पाड़वे के दिन शहर में निकलने वाला पारम्परिक मारबत-बड़ग्या का जुलूस भी बुधवार को नहीं निकलेगा।पहली बार 13 दशकों से चली आ रही मारबत-बड़ग्या के जुलूस की परंपरा खंडित होगी।पीली मारबत का दहन नाईक तालाब परिसर व काली मारबत का नेहरू पुतला के निकट स्थित मैदान में दहन किया जाएगा।