कोरोना: बढ़ते शहरी प्रकोप का यह हो सकता है कारण …
नागपुर: तहसील में पीड़ितों की संख्या हर दिन बढ़ रही है, वहीं कोरोना से होने वाली मौतों की संख्या भी दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। कामठी में, कोरोनोग्रस्त रोगियों की संख्या पांच सौ पार कर गई है और पिछले बारह दिनों से पंद्रह लोगों की मृत्यु से कोरोना श्रृंखला लगातार बनी हुई है। इधर सीबीएससी और राज्य बोर्ड दसवीं, बारहवीं कक्षा के परिणाम घोषित हुए, जैसे ही परिणाम सामने आते हैं, शहर मे कॉलेजों की तरह शुरू होने वाले ट्युशन वर्ग ने माता-पिताओ को आकर्षित करने कोरोना के सभी नियम ताक पर रखकर अपनी कक्षाएं शुरू कर दी हैं। कई ट्यूशन कक्षाओं ने चुपचाप छात्रों को बैठाना और पढ़ाना शुरू कर दिया है, प्रशासन द्वारा ऐसी ट्यूशन कक्षाओं की व्यापक उपेक्षा से कोरोना फैलने में बढ़ोतरी की संभावना हो सकती है।
जिला प्रशासन के नियम चूर: कोरोना पर अंकुश लगाने के लिए जिला प्रशासन द्वारा कई उपाय किए जा रहे हैं। कलेक्टर ने कोरोना संक्रमण के दौरान भीड़ से बचने का आदेश दिया है। जहां भीड़ देखी जाती है, वहां प्रशासन द्वारा कार्रवाई की जाती है। फिर, यह सवाल कि क्या ट्यूशन वर्ग प्रशासन के संज्ञान में नही, यह सवाल इन ट्युशन वर्ग के आसपास के क्षेत्रों में रहने वाले नागरिकों द्वारा पूछा जा रहा है। सरकार ने हाल ही में घोषणा की है कि कोरोना हवा के माध्यम से भी फैल रहा है। कामठी शहर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना वायरस का प्रकोप बढ़ रहा है, जहां पॉजिटिव्ह रोगियों की संख्या दो सौ के आंकड़े को पार कर गई है और कोरोना के कारण चार लोगों की मौत हो गई है। साथ ही शहर का पूरा हिस्सा इस संक्रमण से घिरा हुआ है। कई छात्र ट्यूशन के नाम पर शहर के विभिन्न हिस्सों के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों से भी आते हैं। इससे उस क्षेत्र में कोरोना घुसपैठ की संभावना बढ़ गई है जहां ट्यूशन वर्ग शुरू किया गया है।
सुबह, शाम शुरू रहते है ट्यूशन: शहर में पुराने कामठी पुलिस स्टेशन से काफी करीब कामठी लाइब्रेरी क्षेत्र में, तिलकनगर मोंढा, नया थाना क्षेत्र में यरखेड़ा रोड, रनाला में पंकज मंगल कार्यालय के पीछे, गणेश मंदिर प्रांगण में ट्यूशन कक्षाएं संचालित की जा रही हैं। ये कक्षाएं विशेष रूप से सुबह और शाम को शुरू होती हैं। कुछ जगहों पर ये कक्षाएं सुबह पांच बजे और कुछ जगहों पर शाम सात बजे के बाद भी शुरू रहती हैं। कोरोना के सभी नियमों को ताक पर रखकर कक्षाएं शुरू की गई हैं। इस अवधि के दौरान, क्षेत्र के नागरिक बाहर निकलते हैं। तो छोटे बच्चे भी खेल रहे होत हैं। इस से शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में संक्रमण का खतरा बढ़ने की संभावना है।