प्लेटफॉर्म टिकट बंद होने से लाखों रुपये का नुकसान,नागपुर मंडल भी झेल रहा है नुकसान
दो महीने के लॉकडाउन के बाद अनलॉक प्रक्रिया के श्रमिक एक्सप्रेस से शुरू करके रेलवे फिर से अपनी व्यवस्था का पटरी पर लाने की जद्दोजहद कर रही है। लेकिन यात्रियों की घटती संख्या रेलवे के लिए चिंता का विषय खड़ा कर दिया है।अभी तक 700 से अधिक स्पेशल ट्रेनें शुरू कर दी गई लेकिन इनमें से आधी ट्रेनों में ही यात्री की संख्या अधिक मिल रही है। दूसरी तरफ, केवल कन्फर्म टिकटधारी यात्री ही यात्रा करें व प्लेटफार्म परिसर में प्रवेश करने के नये नियम के चलते रेलवे को प्लेटफार्म टिकट जैसे आय के स्त्रोत को भी बंद रखना पड़ रहा है।
कोरोना महामारी के चलते रेलवे को कई क्षेत्रों में भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है।इनमें प्लेटफार्म टिकट भी शामिल है।इस सुविधा को 23 मार्च से लगे लॉकडाउन के बाद से बंद रखा गया है।सात महीनों बाद भी इसके दोबारा शुरू होने के आसार नजर नहीं आ रहे। मंडल को पिछले वर्ष केवल प्लेटफार्म टिकट से ही 1.89 करोड़ रुपये की अच्छी-खासी आय हुई थी। ऐसे में मध्य रेल नागपुर मंडल भी भारी नुकसान झेलना पड़ा रहा।
मध्य रेल नागपुर मंडल के सहायक वाणिज्यिक प्रबंधक एसजी राव ने कहा कि स्टेशन परिसर में भीड़ कम करने और सोशल डिस्टेंसिंग बनाये रखने के लिए प्लेटफार्म टिकट की बिक्री बंद रखी गई है। हेडक्वार्टर से सूचना मिलते ही यात्रियों के लिए यह सुविधा दोबारा बहाल कर दी जायेगी।
नागपुर स्टेशन देश के प्रमुख स्टेशनों में शामिल हैं। कोरोना काल से पहले यहां से प्रतिदिन 30,000 से अधिक यात्रियों की आवाजाही रहती थी। ऐसे में प्लेटफार्म टिकटों भी काफी होती थी।मिली जानकारी के अनुसार, गत वर्ष 2019 में 18,89,000 प्लेटफार्म टिकट बिकें थे।इससे मंडल प्रबंधनन को 1,88,99,000 रुपये की आय हुई थी। यानि पहले प्रति माह करीब 1.50 लाख टिकटें बिकती थी।यानि औसतन 15 लाख रुपये की आय प्रति माह तय थी लेकिन अब ऐसा नहीं है। 23 मार्च से बंद हुई इस सेवा से अभी तक 7 महीनों में करीब 1 करोड़ का नुकसान हो चुका है।