कर्मचारियों की जाँच करनी होगी: मुंढे
नागपुर: नागपुर ३० लाख लोगों का शहर है। यह शहर व्यापारियों का नहीं बल्कि लोगों द्वारा चलाया जाता है। यदि आपको कोरोना के दिशानिर्देशों का पालन नहीं करते हैं तो दुकानें बंद करें। दुकानदार और दुकान के कर्मचारी कोरोना प्रसारक हो सकते हैं। इसलिए दुकानदारों को अपने कर्मचारियों का परीक्षण करना ही होगा। जिनके पास नौकर रखने के लिए पैसे हैं, वे उनके परीक्षण के लिए पैसे का बहाना नहीं बना सकते हैं।
नागपुर में महाराष्ट्र नगर निगम अधिनियम को लागू करने की प्रक्रिया शुरू की। लेकिन व्यापारियों ने विरोध शुरू कर दिया। इसलिए अब लाइसेंस पाने की निश्चित अवधि तय होगी। कमिश्नर ने कहा कि इस अवधि में दुकानें बिना लाइसेंस के नहीं चलेंगी, यह कोई धमकी नहीं, बल्कि एक चेतावनी है। उन व्यापारियों पर अच्छी तरह नज़र रखी गई है जो व्यवसाय का लाइसेंस प्राप्त करने के विरोध में है। राज्य भर के नगरपालिकाओं में व्यवसाय पंजीकृत किए गए हैं। लेकिन नागपुर में नहीं। ‘लाइसेंस राज’ का आरोप लगाकर इस कानून के कार्यान्वयन का विरोध किया जा रहा है। यदि मैं नियमों के अनुसार काम कर रहा हूं, तो इसे परमिट राज कैसे कहा जा सकता है? व्यापारी आवासीय भवनो में व्यापार कर रहे हैं, क्या उनकी मनमानी से काम चलेगा? इस तरह के एक प्रश्न को प्रस्तुत करते हुए, उन्होंने जोर देकर कहा कि व्यवसाय तो पंजीकृत होगा ही।
उन्होंने लोगों को गुमराह करने से बचने और नियमों के अनुसार व्यापार करने की भी सलाह दी। कुछ व्यापार संघों ने व्यापारियों से लाइसेंस के लिए आवेदन नहीं करने की अपील की है। इसपर अब तक आवेदन करने की कोई निश्चित अवधि नहीं थी। लेकिन अब लाइसेंस के लिए आवेदन करने के लिए व्यापारियों को समय सीमा दी जाएगी। यदि इस अवधि के भीतर आवेदन नहीं किया गया तो दुकान नहीं खोल पा सकेंगे। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि कोरोना के आधार पर नियमों को अस्वीकार नहीं किया जाना चाहिए।