मेयर पर फायरिंग मामला: जांच सी.आई.डी. को
नागपुर:- विधानसभा शीतकालीन सत्र के दौरान, मेयर संदीप जोशी के वाहन पर दो पहिया वाहन से आए दो लोगों ने गोलीबारी की। चार गोलियां उनकी कार में घुस गई थीं, लेकिन सौभाग्य से कोई भी घायल नहीं हुआ था। तब मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने जांच की जिम्मेदारी अपराध शाखा को सौंप दी थी। गृह मंत्रालय ने अब सीआईडी को जिम्मेदारी सौंप दी है ताकि जांच और अधिक उपयुक्त तरीके हो सके। महापौर पर फायरिंग असल थी या नकली, इस तरह की चर्चाए बीच में फैल गई थी। इसलिए, नागपुरवासी भी बेताब हैं कि सीआईडी को इस मामले में क्या सफलता मिलेगी।
मेयर जोशी 17 दिसंबर को अपनी शादी की सालगिरह के लिए जामठा रोड स्थित रसरंजन ढाबा गए थे। वह रात करीब 12 बजे कार्यक्रम खत्म करने के बाद लगातार सात कारों के साथ घर लौट रहे थे। लगभग दो किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद, दोपहिया वाहन पर हेलमेट पहने दो युवकों ने मेयर जोशी की आखिरी कार पर अंधाधुंध गोलियां चला दीं।
जिनमें से चार गोलियां वाहन में घुस गईं। जोशी खुद कार चला रहे थे। अचानक गोली चलने से सभी सात वाहन तुरंत रुक गए। दोनों हमलावर दोपहिया वाहन पर बैठकर भाग गए। कार में सवार दोस्तों ने पुलिस को फोन किया। कुछ ही मिनटों में पुलिस घटनास्थल पर पहुंच गई। पुलिस ने अज्ञात हमलावरों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया।
क्राइम ब्रांच की नाकामी? : अधिवेशन के दौरान, मुख्यमंत्री ने विश्वास के साथ महापौर पर हमले की जांच अपराध शाखा को सौंप दी थी। हालांकि, लगभग सात महीनों के बाद, अपराध शाखा मामले की जांच करने में सक्षम नहीं हुई है। क्या यह जांच विफल रही? ऐसा संदेह पैदा हो गया था। इसलिए, गृह मंत्रालय ने अब सीधे सीआईडी को जांच सौंप दी है।
सीआईडी की जांच जारी: सीआईडी के अधिकारियों ने मेयर जोशी पर शूटिंग की जांच शुरू कर दि है। पता चला है कि सीआईडी ने अब तक अपराध शाखा से जांच फाइलें, सबूत, सीडीआर और परिस्थितिजन्य साक्ष्य जब्त किए हैं। चर्चाए यह भी चली थब कि “यह असल शूटिंग नहीं थी, केवल एक जालसाजी थी” इसलिए अब नागपुरवासी भी सीआईडी जांच में क्या सामने आएगा इसके इंतजार में हैं।