नागपुर को ‘बैम्बू सिटी’ बनाने पर विचार कर रहे हैं गडकरी
नागपुर जल्द ही “बांस शहर” बन सकता है, एक अवधारणा जिसे केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने पर्यावरण-अनुकूल, पुनर्योजी शहरी विकास के मॉडल के रूप में देखा है। वास्तुकार नीलम मंजूनाथ द्वारा समर्थित यह परियोजना पूरे शहर में टिकाऊ निर्माण सामग्री और कार्बन सिंक के रूप में बांस का उपयोग करने पर केंद्रित है। इसमें ख़राब भूमि को हरा-भरा करना, निर्माण में बांस को शामिल करना और वायु और जल प्रदूषण के लिए प्रकृति-आधारित समाधान लागू करना शामिल है। अंतिम लक्ष्य 2030 तक नागपुर को कार्बन-तटस्थ और इससे परे एक पुनर्योजी शहर बनाना है,
जिसमें नागरिक, विशेषज्ञ और विभिन्न उद्योग इस महत्वाकांक्षी दृष्टि को प्राप्त करने के लिए सहयोग कर रहे हैं। परियोजना अभी शुरुआती चरण में है, लेकिन गडकरी की मंजूरी और मंजूनाथ की विशेषज्ञता से पता चलता है कि बांस के अभिनव उपयोग के माध्यम से नागपुर जल्द ही टिकाऊ शहरी विकास में अग्रणी बन सकता है।