जीएमसीएच हॉस्पिटल नागपुर से पकड़ा गया फर्जी डॉक्टर,पेशेंट्स से वसूले लाखों
नागपुर : सूत्रों के हवाले से बताया जा रहा है की कैजुअल्टी मेडिकल ऑफिसर ने सरकारी मेडिकल कॉलेज तथा जीएमसीएच में मेडिसिन डिपार्टमेंट का रेजिडेंट डॉक्टर बनकर एक फर्जी डॉक्टर को पकड़ा है।
दरअसल ऐसा बताया जाता है कि यह फर्जी डॉक्टर दूसरे विभागों के डॉक्टरों से खुद को मेडिसिन विभाग या हड्डी रोग विभाग का रेजिडेंट डॉक्टर बताकर अपने पेशेंट्स का ट्रीटमेंट करने की गुहार लगाकर पेशेंट्स से पैसे वसूल करता था.
प्राप्त जानकारी के अनुसार सिद्धार्थ जैन नामक व्यक्ति एप्रन पहने यह फर्जी डॉक्टर कैजुअल्टी विभाग में खड़ा होकर गरीब व जरूरतमंद लोगों को अपना शिकार बनाता था।बेहतर इलाज की गारंटी देते हुए वह मरीजों से 25,000 रुपये से लेकर 1,00,000 रुपये तक की वसूली करता था।
कुछ मरीज सफेद एप्रन पहने स्टेथोस्कोप को गले में लटका हुआ देखकर उसे पैसे दे देते थे। वह उन मरीजों के साथ कैजुअल्टी या वार्ड में जाता था और वहां स्थित रेजिडेंट डॉक्टर से संबंधित मरीजों पर अधिक ध्यान देने का आग्रह करता था। बाद में उसके लापता होने की वजह से जीएमसीएच प्रशासन को शिकायतें मिलने लगीं। इसको लेकर सुरक्षा गार्ड और सीएमओ सतर्क हो गए हैं।
आपदा प्रबंधन विभाग में सीएमओ ने एक अज्ञात डॉक्टर को देखा जहां उन्होंने कोरोना मरीज का सैंपल लिया। सीएमओ ने उनसे पूछताछ की। लेकिन किसी गड़बड़ी की आशंका पर सीएमओ ने चिकित्सा अधीक्षक डा. अविनाश गावंडे को इसकी सूचना दी। उसने एक सुरक्षा गार्ड से उसे पकड़ने के लिए कहा। उसके बाद भी वह इस बात पर कायम रहा कि वह डॉक्टर है। उन्होंने कहा कि उन्होंने एम्स दिल्ली से एमबीबीएस की डिग्री हासिल की है।
जीएमसीएच प्रशासन ने उसे अजनी पुलिस को सौंप दिया।