लॉकडाऊन का प्रस्ताव मुझे नहीं मिला: पालकमंत्री डॉ. राऊत
नागपुर:- शहर और जिले मे फिर से लॉकडाउन करना पड़ेगा, तो अतीत में जो गलतियाँ की गई थीं, उन्हें इस बार नहीं होने दिया जाएगा। यदि कोरोनवायरस प्रकोप और मृत्यु दर संख्या और बढ़ती है। तो लॉकडाउन पर फिर से विचार किया जा सकता, लेकिन छोटे बच्चों तक दूध और भुखे तक राशन पहुंचना चाहिए, इस तरह की व्यवस्था स्थापित होने के बाद ही लॉकडाउन पर विचार किया जाएगा। लेकिन तालाबंदी का प्रस्ताव अभी तक मेरे पास नहीं पहुंचा है। राज्य के ऊर्जा मंत्री और जिले के पालकमंत्री ने कहा,
डॉ.राउत ने कहा कि पिछले कुछ दिनों में पीड़ितों और मरने वालों की संख्या में भी वृद्धि हुई है। इसलिए शनिवार को आयोजित समीक्षा बैठक में फिर से तालाबंदी की मांग उठी। इस बैठक में मंत्रीगण उपस्थित थे। राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी भी उपस्थित थे। पिछले लॉकडाउन के दौरान कई शिकायतें थीं।
शिशुओं को दूध नहीं मिलता था, सब्जियां नहीं मिलतीं थी। जिस गरीब के पास उस समय कोई रोजगार नहीं था वह बहुत बुरी स्थिति में था। उन्होंने तब मजदूरी भी नहीं की थी। हमें इन सभी बातों पर विचार करना होगा कि हम ऐसे लोगों तक कैसे पहुंच सकते हैं। इन सब बातों को नजर में रखकर योजना बनानी होगी, हम लोगों को लॉकडाउन से सात दिन पहले अवगत कराए और उसके बाद ही लॉकडाउन करेंगे।
कहा जाता है कि एक कोरोना मरीज को ठीक होने में 14 दिन लगते हैं। इसलिए, लॉकडाउन 14 दिनों तक हो सकता है। हम नागपुर शहर और जिले में लॉकडाउन को उसी समय मंजूर कर लेंगे जब सभी सहमत होंगे, अन्यथा इसे मंजूरी नहीं दी जाएगी। लोगों के स्वास्थ्य की रक्षा करना हमारा कर्तव्य है। उनका जीवन बचाना हमारा कर्तव्य है। यदि पीड़ितों की संख्या बढ़ रही है, यदि मृत्यु दर बढ़ रही है, तो लॉकडाउन का कड़वा निर्णय लेना ही होगा। हम प्रशासन से आए इस तरह के प्रस्ताव पर विचार करेंगे, हम इस पर सकारात्मक रूप से विचार करेंगे।