मैं सच्चाई के आधार पर जनहित में फैसले करता हूं, दुकानदारों को राजनीति नहीं करनी चाहिए।’ : मुंढे
नागपुर:- नगर निगम सीमा के भीतर दुकानदारों को महाराष्ट्र नगर निगम अधिनियम के अनुसार नगरपालिका कार्यालय में पंजीकरण करना और लाइसेंस प्राप्त करना चाहिए उसके बाद ही व्यापार करना चाहिए। लेकिन व्यापारी लाइसेंस के लिए विरोध कर रहे हैं। यह सही नहीं, यदि शहर के विकास के लिए नियमों को लागू करने में कोई बाधा होंगी, तो कार्रवाई जरूर की जाएगी। मैं सत्य के आधार पर जनहित में निर्णय लेता हूं। आयुक्त मुंढे ने शहर के दुकानदारों को राजनीति नहीं करने की चेतावनी दी।
मंत्रीयो के बैठक में जो हुआ ही नहीं, उसकी जानकारी बाहर दी जा रही है। शहर में कोरोना पीड़ितों के लिए दस हजार से अधिक बेड उपलब्ध हैं। वास्तविकता की गहराई में जाए और जानकारी प्राप्त करे उसके बाद ही मुझ पर झूठ बोलने का आरोप लगाए, पर यदि किसी को ऐसी कोआदत ही हो तो वही जारी रखे। यह कहते हुए, आयुक्त ने सत्तापक्ष के भ्रमित कराने के प्रयासो को निर्देशित किया।
हाल ही में हुई एक आम सभा में, वरिष्ठ भाजपा पार्षद दयाशंकर तिवारी ने आयुक्त पर आरोप लगाया था कि वे मंत्रियों को शहर में उपलब्ध बिस्तरों के बारे में गलत जानकारी देते हैं। आयुक्त कि फेसबुक लाइव के दौरान एक नागरिक ने भी इस संदर्भ में पूछे सवाल का जवाब देते समय उन्होंने सत्तापक्ष की इस झूठ बोलने की आदत का हवाला दिया था।
वर्तमान में, शहर में 8086 बिस्तर उपलब्ध हैं। राधास्वामी सत्संग ट्रस्ट के 5,000 बिस्तरों को इसमें शामिल किया जाता है, तो 13,000 कुल बेड होंगे, यह आयुक्त ने स्पष्ट किया था। मैं बेड की उपलब्धता के बारे में झूठ नहीं बोला लेकिन कुछ एक की झूठ बोलने की, आरोप लगाने की ही प्रवृत्ति होती है, ऐसा उन्होंने नाम लिए बगैर कहा।
मुझे सच्चाई पकड़ रखने की आदत है। “अगर कोई मुझ पर झूठ बोलने का आरोप लगाता है, तो यह उनकी आदत होगी,” उन्होंने कहा। आइए वास्तविकता की गहराई में जाएं, उन्होंने कहा। कोविड केयर सेंटर में दस हजार से अधिक बेड उपलब्ध हैं। इसलिए, लोगों को गुमराह करना बंद करो, झूठे आरोप लगाना बंद करो, यह सलाह भी उन्होंने दी।
उन्होंने कहा कि व्यापार पंजीकरण प्रक्रिया नियमों के अनुसार कि जा रही है और यदि कोई भी कार्यान्वयन में बाधा डाल रहा है, तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। मूल रूप से, कई व्यापार संघों ने इस बारे में महापौर से मुलाकात की। तो यह चेतावनी महापौर के लिए तो नहीं? ऐसी चर्चाए चल रही है।
महापौर ने दुकानदारों एवं कर्मचारियों के परीक्षण पर आयुक्त द्वारा लगाए गए शर्तों का विरोध किया। पर आजकी आयुक्त की खरी खरी से परिक्षण कराने ही होगे यह साफ हो गया, उन्होंने पानी की दरों में 5 प्रतिशत की वृद्धि को रद्द करने और संपत्ति कर से छूट की मांग को भी खारिज कर दिया। यह मांग सत्तापक्ष ने की थी।
सभी के घर डॉक्टर भेजना संभव नहीं, नागरिक नियमों का पालन नहीं कर रहे तो क्या प्रशासन सो रहा है? कमिश्नर ने अफसोस जताया कि इस तरह का सवाल पूछा जा रहा है। कई मरीज इलाज के लिए घर पर हैं। सभी को डॉक्टर भेजना संभव नहीं है। इसलिए, उन लोगों को सलाह दी जा रही है जो घर पर है और बुखार और ऑक्सीजन की जांच के लिए घर पर इलाज चाहते हैं।
उन्होंने इस तथ्य पर भी आश्चर्य व्यक्त किया कि नागरिक एक बार परीक्षण करने के बाद कोरोना का पुन:परीक्षण करा रहे हैं, एक बार पॉजिटिव्ह रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद, रोगी पॉजिटिव्ह ही होता है। उन्होंने कहा बहुतायत में बेड उपलब्ध हैं और नागरिकों को कोरोना के नियमों का पालन करना चाहिए।