संजय राउत के बयान से आहत है आई एम ए और स्वास्थ्य कर्मी
पिछले दिनों संजय राऊत ने एक न्यूज चैनल को इंटरव्यू देते हुए डॉक्टर्स, कंपांउडर्स और विश्व स्वास्थ्य संगठन के विषय में आपत्तिजनक टिप्पणी की थी।
इससे संपूर्ण चिकित्सक समुदाय की भावनाओं को बहुत आहत हुआ है।डॉक्टरों के संगठन इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने शिवसेना के वरिष्ठ नेता व सांसद संजय राऊत के बयान का तीव्र विरोध किया है और नाराजगी जताई है।
आईएमए कार्यकारिणी की बैठक में राऊत के बयान के विरोध में प्रस्ताव पारित किया गया और उन्हें अपना बयान वापस लेकर माफी मांगने की मांग की गई है। इस विषय पर सीएम उद्धव ठाकरे को पत्र भी भेजा गया है।
कोरोना संक्रमण से लड़ते लड़ते हजारों डॉक्टर्स जान गवां चुके है
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन नागपुर की अध्यक्ष डॉ. अर्चना कोठारी और सचिव डॉ. राजेश सावरबांधे ने कहा कि आज कोरोना महामारी का कहर सबसे ज्यादा महाराष्ट्र में है।
कोरोना से जंग जीतने के लिए राज्य भर में तीन लाख डॉक्टर दिन-रात परिश्रम कर रहे हैं।इसी कोशिश में अब तक करीब पचास डॉक्टर महामारी की चपेट में आकर जान गवां चुके हैं।आईएमए महाराष्ट्र राज्य की 216 शाखाओं और 45 हजार उच्चशिक्षित सदस्यों ने महाराष्ट्र सरकार के आह्वान को स्वीकारा है। मानवता के दृष्टिकोण और सामाजिक प्रतिबद्धता रखकर काम किया है और कर रहे हैं. सांसद संजय राऊत के इस तरह मजाक उड़ाने वाले बयान से राज्य के डॉक्टरों का धैर्य जवाब दे गया है.
डॉक्टरों पर विभिन्न प्रकार के अपमानजनक और उपहास करने वाले स्टेटमेंट्स समाचारपत्रों, मीडिया और सोशल मीडिया मे जैसे एक ट्रेंड सा चल रहा है। महाराष्ट्र के डॉक्टर जिस बात के लिए जिम्मेदार नहीं हैं उसके लिए भी उन्हें दोषी बताया जा रहा है जिससे डॉक्टरों का मनोबल टूट रहा है।
और उनका कहना है के यह कोरोना संक्रमण से भी जयादा खतरनाक है। ऐसी परिस्थिति के बीच काम करना असंभव होता जा रहा है। इसलिए डॉक्टरों के बारे में बिना विचार किए कोई भी स्टेटमेंट्स देना उचित नहीं है।