नागपुर:- कमिश्नर मुंढे को कोरोना काल मे पानी की दरों में बढ़ोतरी सालभर स्थगित करने पर निर्णय लेना चाहिए। अन्यथा, वित्तीय संकट में जुझ रहे नागरिकों पर बोझ फिर से बढ़ जाएगा। सत्तारूढ़ दल ने चेतावनी दी है कि यदि तीन दिनों के भीतर कोई निर्णय नहीं लिया जाता है, तो सभी 108 भाजपा पार्षद 13 अगस्त से आयुक्त कार्यालय के सामने आंदोलन करेंगे।
सत्तारूढ़ दल के नेता संदीप जाधव ने यह चेतावनी दी है। मेयर संदीप जोशी ने भी जताया था कि पानी के चार्जेस में बढ़ोतरी नहीं होनी चाहिए। कमिश्नर को निर्देश दिया। लेकिन आयुक्त ने इसकी सुध नहीं ली। प्रशासन द्वारा स्थायी समिति को भेजे गए प्रस्ताव को स्थायी समिति द्वारा वापस भेज दिया गया। हालांकि, आयुक्त ने विपरीत जवाब दिया।
यह प्रस्ताव केवल पंजीकरण के लिए भेजा गया था। उन्होंने कहा कि स्थायी समिति के पास इसे अनुमोदित करने या न करने का कोई अधिकार नहीं था। वर्तमान में कोरोना महामारी चल रही है। कईयों की नौकरी चली गई। जो नौकरी पेशा हैं उन्हें पूरा वेतन नहीं मिल रहा है। बिजली कंपनी ने बिल को तीन गुना कर दिया। आवश्यक सेवाओं को छोड़कर, अन्य सभी दुकानें लगातार 3 महीने तक बंद रहती हैं।
इसने मध्यम वर्ग और गरीबों की कमर तोड़ दी है। इस पर पानी के टैरिफ को बढ़ाने के फैसले से लोगों को और आर्थिक नुक्सान बैठेगा। हालांकि यह दर हर साल 10 फीसदी बढ़ाने का फैसला किया गया है, लेकिन इस कठिन अवधि के दौरान ऐसा नहीं किया जाना चाहिए। पांच प्रतिशत की बढ़ोतरी से भी नगर निगम को ज्यादा वित्तीय लाभ नहीं होगा। इसलिए, यह सुझाव दिया गया है कि यह कुछ समय के बिना किसी वृद्धि के निकाला जाना चाहिए।
यदि तीन दिनों के भीतर इस पर कोई निर्णय नहीं लिया जाता है, तो सभी 108 नगरसेवक 13 अगस्त को शाम 4 बजे आयुक्त कार्यालय के सामने आंदोलन करेंगे। यह आंदोलन का पहला चरण होगा। यदि इसके बाद भी कोई निर्णय नहीं लिया जाता है, भले ही वर्तमान स्थिति ठीक न हो, तो लोगों के आंदोलन को बुलाना होगा और पूरी जिम्मेदारी वर्तमान पालक मंत्री, आयुक्त और प्रशासन पर होगी।