मुंढे होते तो यह नौबत ना आती: सामान्य नागपूरकर
नागपुर: शहर में, दिन-प्रतिदिन कोरोना कहर बढ़ रहा है और नगरपालिका स्वास्थ्य प्रणाली की कमर टुट गई है। मरीजों को बेड नहीं मिल रहे, जरूद इंजेक्शन की ब्लैक मार्केटिंग हों रही है। ऐसी स्थिति में, तत्कालीन नगर आयुक्त मुंढे आज नागपुर में रहते, तो यह स्थिति नियंत्रण से बाहर नहीं जाती, और नागपुर सिटी नागपुर देश में एक मॉडल बन जाता। नागपुरकर ऐसी भावनाएं जता रहे हैं।
पिछले साल, मुंढे ने कोरोना स्थिति को अच्छी तरह संभाला। नगर निगम ने करोना मरीजों को ₹600 में मिलने वाला खाना ₹159 मे दिलवाया। इतना ही नहीं, राधास्वामी सत्संग न्यास से संपर्क कर रोगियों को मुफ्त भोजन उपलब्ध कराया गया। उन्होंने शहर में कोरोना के लिए पांच अस्पतालों की शुरुआत की। 12 अलगाव केंद्र स्थापित किया गया। इसमें, लगभग 1300 रोगियों की व्यवस्था की, उन्होंने नागपुर के लोगों के संपर्क के लिए एक स्वतंत्र ऐप बनाया। वे हर दिन ऐप की जाँच करते रहे थे। आज, वह होते तो इतनी विशाल मरिज संख्या नहीं होती। पूर्व नगरसेवक वेदप्रकाश आर्य ने कहा कि उन्हें बीजेपी की लगातार राजनीति द्वारा स्थानांतरित कर दिया गया।
वह आज होते तो इतनी भयावह स्थिति नहीं होती। इसके विपरीत, नियंत्रण में देश में नागपुर मॉडल नाम दिया जाता। हमने उन्हे गवाया और अब हम पीड़ित हैं। गंभीर रोगियों को अस्पताल नहीं मिलता है। लोग घर पर बैठे हैं और घर पर इलाज कर रहे हैं। वह होते तो रेमडेसिव्हीर इंजेक्शन के काला बाजारों पर नकेल कसती वह इंजेक्शन आम लोगों के लिए उपलब्ध होता। आवश्यकता अनुसार कोरोना देखभाल केंद्र स्थापित किए जाते। उन्होंने मरीजों की लुटमार रोकने की कोशिश की थी। बढ़ते भुगतान, संबंध में निजी अस्पतालों को जगह दिखाई थी। अब नगर निगम ने अस्पताल में भुगतान पर नजर रखने के लिए कर्मचारी नियुक्त किए है। लेकिन वह कर्मचारी यह बता सकने में असमर्थ है कि उस अस्पताल में कितने बेड उपलब्ध है। यह भी करना होगा। बढते रोगियों की संख्या को देखते हुए मुंढे को नागपुर में लाने की जरूरत है। वही एक अकेला अधिकारी है जो सख्त अनुशासन ला सकता है और सब नियंत्रण में ला सकता है। सरकार को नागपुर में बदलाव के लिए राजनीति छोड़नी चाहिए। नागपुर की गंदी राजनीति ने और भाजपा नेताओं ने इस अनुशासित अधिकारि को टिकने नहीं दीया। इस तरह की प्रतिक्रिया कृ द दाभोलकर ने व्यक्त कि।
एक नागपूरकर पाटील का यु ट्युब व्हिडिओ तो बहुत जादा फॉर्वर्ड किया जा रहा है, जिसमें उन्होंने स्थानीय नेताओं के और राज्य के संबंधी नेताओं के भी चेहरे उजागर कर दिए। किसे क्या करना चाहिए था, किसने क्या नहिं किया, और उस बदले वह क्या कर रहा था ऐसी सब बातें समय-समय पर टाइमलाइन के साथ बताई है जो सही में सभी के मन की कुंठा दर्शाती है