अब किस बात पर महापौर और आयुक्त के बिच फिर बनी नाराजगी?
नागपुर:- शहर में सभी व्यापारियों को 18 अगस्त तक अपने कर्मचारियों के कोरोना परीक्षण करवाना चाहिए, अन्यथा वे अपनी दुकानों को खोल नहीं पाएंगे, आयुक्त के इस बयान पर नाराज मेयर संदीप जोशी ने जरूरत पड़ी तो सड़क पर उतरेंगे ऐसा कहा।
शहर में सभी व्यापारियों और उनके कर्मचारियों की संख्या 5 लाख तक है। अब छह दिनों में 50 लाख टेस्ट कैसे करें? महापौर ने अपील की कि आयुक्त इस तरह का स्टैंड लेकर शहर में माहौल प्रदूषित नहीं करना चाहिए।
आयुक्त मुंढे ने शहर के व्यापारियों से कहा है कि वे 18 अगस्त तक सभी कर्मचारियों के कोरोना का परीक्षण करें, अन्यथा दुकानें बंद करेंगे। इस पर मेयर संदीप जोशी ने कहा कि शहर में 50,000 व्यापारी हैं और उनमें से प्रत्येक में औसतन 10 कर्मचारी हैं। नतीजतन, 18 अगस्त तक 5 लाख परीक्षण करने होंगे। क्या यह संभव है? आयुक्त का यह निर्णय न केवल अव्यवहारिक है, बल्कि व्यापारियों के साथ-साथ कर्मचारियों पर भी लागू होता है जो अल्प वेतन पर अपने घर चलाते हैं। आयुक्त ने दुकानदारों को हर कर्मचारी का परीक्षण करने का भी निर्देश दिया है।
दुकानदारों की स्थिति भी नाजुक है। वे इतना पैसा कहां से लाएंगे। 5 लाख परीक्षणों के लिए प्रति परीक्षण 1900 रुपये के अनुसार 95 करोड़ रुपये का व्यवसाय होगा। आयुक्त को शहर में भय का माहौल नहीं बनाना चाहिए। व्यापारियों के साथ संवाद बनाकर भी रास्ता निकाला जा सकता है।
यदि किसी व्यापारी का एक कर्मचारी पॉजिटिव्ह आता है, तो संपर्क में आए दूसरों का परीक्षण करना भी उचित है। लेकिन, सभी व्यापारियों को चेतावनी देना उचित नहीं है। मेयर ने चेतावनी दी कि वह बिना किसी राजनीति के लोगों के लिए सड़कों पर उतरेंगे।