नागपुर सुधार प्रन्यास हो रहा पुनर्जीवित?
नागपुर: नागपुर सुधार प्रन्यास को खारिज करने का फैसला पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस के कार्यकाल के दौरान लिया गया था। नासुप्र की सभी शक्तियाँ निगम को हस्तांतरित कर दी गईं।
वहीं प्रन्यास अब दोबारा नियोजन प्राधिकरण नाम से पुनर्जीवित हो रहा है यह चौंकाने वाली खबर मुंबई से मंत्रीमंडल बैठक के बाद पता चली
महाराष्ट्र सरकार ने आज नागपुर सुधार प्रण्यास को खारिज करने के अपने फैसले को पलट दिया, बैठक में पक्का कर दिया कि नासुप्र फिर से योजना प्राधिकरण बन लौट आएगा। इस खबर से माहौल गरमा गया, यह फैसला जनता के लिए अन्यायकारक बनेगा ऐसी चर्चाएं चल रही है
राज्य में महाविकास अघाडी सरकार के गठन के बाद, पालक मंत्री नितिन राउत ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को एक पत्र लिखा था। जिस आधार पर कार्यासन अधिकारी अशोक खांडेकर ने मनपा को पत्र लिखकर इस बारे में आदेश स्पष्ट करने के लिए कहा गया था, इसपर तत्कालीन भाजपा शहराध्यक्ष प्रविण दटके ने पत्रकार परिषद लेकर पालक मंत्री पर आरोप लगाए थे
उन्होंने कहा था कि नितिन राउत का पत्र दर्दप्रद और निंदनीय है। सत्ता में आते ही शहर का सत्यानाश करने वाली संस्था का पुनरूत्थान आघाड़ी का महापाप बताया गया, उन्होंने सड़कों पर उतरने की चेतावनी भी दी थी।
संदीप जोशी ने कहा था कि नासुप्र को शहरी विकास में कोई दिलचस्पी नहीं है। उन्होंने कहा था कि एनएमसी ने साढ़े तीन हजार और साढ़े चार हजार पत्र देने के बाद नासुप्र ने एनएमसी को केवल 5,700 फाइलें सौंपी थीं। उन्होंने कहा कि नासुप्र कांग्रेस के लिए भ्रष्टाचार का मैदान था।
नागपुर सुधार प्रन्यास की बर्खास्तगी की प्रक्रिया फडणवीस सरकार के दौरान शुरू की गई थी। नासुप्र को खारिज करने और सभी शक्तियों को एनएमसी को हस्तांतरित करने का निर्णय कर दिया गया था। इसके खिलाफ एक लंबी अदालती लड़ाई भी लड़ी गई थी।
फडणवीस के फैसले के बाद, आधे से ज्यादा फाइलें और काम एनएमसी को हस्तांतरित कर दिए गए थे। इन सब झंझटों के निपटारे के बाद अब फिर वही पर सब लाने से भाजपा ने इसका प्रखर विरोध किया है।
नासुप्रा ने सड़कें, नालों, मैदानों को बेच दिया, नागपुर के लोगों को परेशान किया, 1 रूपए स्क्वायर फीट से अपने लोगों को जमिने दी। स्कूल कॉलेज की जमिन हड़पी, चार या पांच ट्रस्टियों के साथ यह सभी निर्णय किए गए। समस्या को ध्यान में रखते हुए, नगर निगम हाउस ने नासुप्र को हटाने के लिए निर्णय लिया। तदनुसार, सरकार ने देवेंद्र फड़नवीस का नेतृत्व किया था। नासुप्र को हटाने की प्रक्रिया शुरू की थी, लेकिन आज फिर वही सब वापस होगा इसलिए भाजपा नेता कह रहे हैं कि सरकार शहर के विकास को बाधित करने के लिए नागपुरकरों पर नियोजन प्राधिकरण लादने की योजना बना रही है।
मेट्रोपॉलिटन प्लानिंग अथॉरिटी के रूप में सत्ता होने के बाद भी नासुप्र का मोह कम नहीं हुआ। कई काम और योजनाएं दबा दी गईं। केवल 5,600 फाइलें ही एनएमसी को हस्तांतरित की गईं। करिब 4 लाख फ़ाइल की तो हवा भी नहीं लगने दी ऐसी चर्चाएं हैं
हालांकि, यह व्यक्त किया जा रहा है कि नागरिको के नसिब में तो फिर से सिर्फ नगर निगम से नासुप्र की चक्कर लगाना ही लिखा है ।