१ घंटे की बारिश में स्मार्ट सिटी की खुल गई कलाई
नागपुर:- मंगलवार रात हुई पहली बारिश ने ‘स्मार्ट सिटी’ की ओर अग्रसर उप-राजधानी पर कहर बरपा। महज एक-डेढ़ घंटे तक चली मूसलाधार बारिश ने कई बस्तियों और झुग्गियों में पानी भर दिया। कईयो को रातभर में जागना पड़ा। बारिश ने न केवल “स्मार्ट सिटी” का तमगा उड़ा दिया, बल्कि नगरपालिका प्रशासन के कार्यों पर भी सवाल उठा दिया।
नागपुर को “स्मार्ट सिटी” बनाने के लिए बहुत सारे काम किए जा रहे हैं। इसके लिए प्रभावी योजनाए आवश्यक है, विशेषकर विदर्भ में बारिश के मौसम पर नजर डाले, तो नालो की सफाई करनी होती है, अन्यथा जगह जगह तालाब बन जाते हैं। मंगलवारको शहर के कई हिस्सों में बिजली गिरने और गरज के साथ वरुण राजा का प्रकोप हुआ।
पाणी बह जाने के मार्ग पर अड़चनें होने से रस्तों पर जगह जगह पानी भरा पाया गया, कुछ जगह रोड डिवाइडर भी लंबे अवधि तक पानी में थे। मात्र झुग्गी बस्तिया हि नहि, बड़े अपार्टमेंट, मंगल कार्यालय, पार्क, स्कूल और कॉलेज, सरकारी और निजी कार्यालय और अन्य संरचनाएं भी बारिश से बुरी तरह प्रभावित हुए थे।
शहर में सीमेंट रोड के नाम से विभिन्न स्थानों पर गड्ढे खोदे जा रहे हैं। इसने नागरिकों की दुर्दशा को और अधिक बढ़ा दिया। दुर्घटनाओं की संख्या में नाटकीय रूप से वृद्धि हुई है। इसलिए, अब नागपुर के लोगों के बीच एक चर्चा गति प्राप्त कर रही है कि हम एक ‘स्मार्ट सिटी’ नहीं चाहते, बस बुनियादी सुविधाएं प्रदान करें।
अग्निशमन विभाग की भागादौड़ी: बारिश के बाद शिकायतों का भारी अंबार लगने के बाद दमकल विभाग के कर्मचारीयो की जमकर भागादौड़ी हुई। वैभव अपार्टमेंट (जरीपटका), जाटतरोडी, खामला, धंतोली, मेडिकल चौक, गांधीबाग, लकडगंज, मानेवाड़ा, दर्शन कॉलोनी, दयानंद पार्क, सरदार पटेल चौक, पद्मावती टी-पॉइंट, घड़िवाल लेआउट, गणेश चौक, काशीबाई देउल, गंजिपेठ, योगेन्द्रनगर, सी ए रोड और हिंगणा सहित कई स्थानों पर बिजली गिरने, आग लगने और पेड़ गिरने जैसी शिकायतें थीं। विभाग को देर रात तक शिकायतें मिलती रहीं।