नागपुर:- निविदाओं का विभाजन, सदन को सूचित न करना, स्थायी समिति की अनुमति के बिना छुट्टी, अधिकारियों को सहमा रखना यह किस नियम मे हैं? यदि आप काम कर रहे, तो पार्षद क्या गप्प हांकने के लिए समय मांगते हैं? आजतक हुए विकास कार्यों में पार्षदों का कुछ भी योगदान नहीं है क्या? इन आरोप के साथ मेयर संदीप जोशी ने नागपुर के नगर आयुक्त तुकाराम मुंडे को नियमों का पालन करने के लिए कहा है।
“हम खुश हैं अगर आयुक्त नियमों का पालन कर रहे हैं, पर वे आसानी से नियम बदलते हैं। “सभी के लिए अलग-अलग नियम और अर्थ बदले जाते हैं। कोविड काल के चलते तत्काल कामो के सरकार के आदेश होंगे, पर आयुक्त हमें लिखित रूप में सूचित करें और जो काम बंद कर दिया गया है उसकी भी प्रति उपलब्ध कराएं। अस्पताल कार्यों को विभाजन किन नियमों के अनुसार किया गया, कोरोना के मामले में क्या किया गया? यह सदन में बताया जाना चाहिए, घोटाले के सभी साक्ष्य देकर अधिकारी का समर्थन करना किन नियमों में आता है उसका भी उल्लेख करना चाहिए।
निगम यंत्रणा पहले हि कम है। नगरसेवकों के पास कार्यकर्ताओं की सेना है और कोरोना काल में वह इस्तेमाल कर सकते थे। उपाय करने में मेयर पर भी भरोसा करना चाहिए था। जनहित की रक्षा के लिए एक प्रशासनिक अधिकारी के रूप में उनपर जिम्मेदारी और कर्तव्य हैं। तो नगरसेवकों पर भी कुछ जिम्मेदारी और कर्तव्य नहीं हैं? यदि आयुक्त कह रहा है कि वह कोई गलत काम नहीं करेगे, तो उनके पिछले कार्यकाल में क्या कोई गलत काम हुए हैं? ऐसे कई सवाल महापौर द्वारा उठाए गए थे।
पार्षदों की भी जरूरी कामों पर अमल की अपेक्षाए थी और आयुक्त ने भी आश्वस्त भी किया था। लेकिन, उनके बयान आश्वासनों के विपरीत हैं। हमारी किसी अधिकारी से कोई दुश्मनी नहीं लेकिन, आयुक्त का व्यवहार शत्रुतापूर्ण है। कार्यों में बाधा के कारण लोग नगरसेवकों के पास आ रहे हैं। इसपर कमिश्नर खुश हैं। आयुक्त ने शहर के हित में एक रोडमैप तैयार किया। हालांकि, वे इस संबंध में नगरसेवकों को भरोसे मे नहीं लेते हैं। हम इसी रवैये के खिलाफ हैं।
नगरसेवकोंकी बदनामीको कमिश्नर का समर्थन: आयुक्त के फेसबुक और ट्विटर के अलावा कोई सोशल मीडिया अकाउंट नहीं होगा। हालांकि, आयुक्त के समर्थकों ने एक पृष्ठ शुरू किया और उसमे नगरसेवकों की निंदा की। इन नेटधारकों को समझाना उनका कर्तव्य है। इस संबंध में आयुक्त की चुप्पी नगरसेवकों की बदनामी का समर्थन हि है।
केंद्र को गडकरी का पत्र: स्मार्ट सिटी में 1000 फीसदी गड़बड़ी है और हम कार्रवाई के लिए अदालत जाने वाले हैं। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी जी ने भी इस संबंध में केंद्र को एक पत्र भेजा है। गडकरी, पूर्व मंत्री विलास मुत्तेमवार, पालकमंत्री नितिन राउत द्वारा आगे लाए गए शहर को बदनाम न करें।
अवैध रूप से दो क्वॉर्टर: सरकारी अधिकारीयो को नियम अनुरूप केवल एक सरकारी आवास उपयोग करने का प्रावधान हैं। हालांकि, मुंढे ने अभी तक मुंबई में 1,700 वर्ग फुट के सरकारी क्वार्टर को खाली नहीं किया है। शुरू में रवि भवन में और अब नागपुर में एक सरकारी बंगले में वह रहते हैं। नियमों के अनुसार, उन्हें मुंबई के आवास के लिए 150 रुपये प्रति वर्ग फुट का जुर्माना देना पड़ सकता है।