शहरभर के लगभग 40 हजार सैलूनकर्मचारियों पर लॉक डाउन के चलते गहराया वित्तीय संकट
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नागपुर :नागपुर शहर के लगभग सभी जिलों को मिला कर 17 से 20 हजार सैलून और उसमे काम कर रहे व्यक्तियों की स्तिथि लॉक डाउन के बाद काफी चिंताजनक होगयी है।इन सभी सैलूनों पर अनुमान के तौर पर लगभग 40 हजार कारीगर काम किया करते थे।किन्तु अब यह स्तिथि है के सैलून कर्मचारियों और मालिक पर बड़ा आर्थिक संकट आ गया है कुछ लोगों की तो दुकान भी किराए से ली हुई थी ऐसे में उनके ऊपर आर्थिक संकट गहरा गया है।
नाभिक समाज की महिलाओं का भी कुछ ऐसा ही कहना है कई महिलाएं ब्यूटी पार्लर कर अपना घर खर्च चलाती हैं ऐसे में बंद के बाद से उनकी कोई आमदनी नहीं हो पा रही है।कई महिलाओं ने तो किराए से भी पार्लर के लिए दुकानें ली थी किन्तु अब यह व्यवसाय कुछ दिनों से पूरी तरह से ठप हो गया है। और दुकानों का किराया देना मुश्किल होगया है क्यूंकि बंद की वजह से आमदनी कुछ हो ही नहीं रही।
इसके साथ ही कई लोगों ने 2 हजार से लेकर 20 हजार रुपए महीने तक भाड़े पर सैलून और दुकानें ले रखीं थी तो कुछ ने ठेले भाड़े पर ले रखे थे।कोरोना संक्रमण के चलते लॉक डाउन हुआ और एहतियात के तौर पर कुछ जगह तो 19 मार्च से ही सैलूनों को बंद करवा दिया गया था ऐसे में इन सभी पर भारी वित्तीय संकट आ पड़ा है। इस स्तिथि से कैसे उभरा जाए सभी के सामने यह प्रश्न है।
नाभिक एकता मंच के अध्यक्ष का कहना है के दैनिक रोज़गार और वेतन वाले लोगों के लिए सरकार को कुछ मदद करना चाहिए। जिनके दुकान भाड़े से है किसी का कुछ और ऐसे में सरकार की सहायता की जरूरत है