कोरोना वायरस : संक्रमण से जुड़े मिथक और तथ्य
भारतीय स्वास्थ्य प्रणाली अभी तक कोरोना वायरस के खिलाफ अच्छे ढंग से निपट रही है,
फिर भी गलत सूचनाओं के कारण समाज में दहशत का माहौल है. चूंकि कोरोना सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट में बदल चुका है, वायरस की उत्पत्ति, वैक्सीन की उपलब्धता, विभिन्न उपचारों के दावों और इसके प्रसार को रोकने में माक के उपयोग के बारे में कई बातें कही जा रही है.
वैसे तो तमाम मीडिया ने कोविड-19 के संक्रमण के बारे में कई जानकारियां देकर नागरिकों की मदद की है, फिर भी इसके संक्रमण के बारे में जितने तथ्य है, उतने ही मिथक भी है।
क्या घरेलू उपचार से इस संक्रमण को ठीक किया जा सकता है?
लग सकता है. इससे अपने आप को बचाने का सबसे अच्छा तरीका उन लोगों से क से क एक मीटर की दूरी बनाए रखी है, जिनमें लहसुन, गर्म पानी से ठाकुर, विटामिन सी, स्टेरॉयड लेने जैसी सलाहे सोशल मीडिया पर दी जा रही है. ये कुछ बेटियों के लिए तो महत्वपूर्ण है लेकिन निश्चित रूप से कोरोना वायरस के लिए नहीं, ऐसी खबरें है कि लोगों ने शरीर पर तिल का तेल लगाना, क्लोरीन या अल्कोहल का सो करना शुरू कर दिया है.
लेकिन इनसे मदद नहीं मिलती, ब्लीच सहित 75% इथेनॉल पेरासिटिक एसिड और क्लोरोफार्म जैसे कुछ कीटाणुनाशक है जो सतह पर वायरस को नष्ट कर सकते है, लेकिन किसी भी कीटाणुनाशक को निगलना नही चाहिए, यह बहुत खतरनाक हो सकता है.
सर्दी-खासी के लक्षण नजर आए. हाथ मिलाने को साबुन से धोए. खासी या छीक आने पर अपने मुह और नाक को ढके क्या सभी को मास्क पहनना जरूरी है? से वचे. कम से कम 20 सेकड तक अपने हाथो
क्या कोरोना वायरस का कोई इलाज है?
वर्तमान में कोड-19 वायरस का कोई इलाज नहीं है, हालाकि रिसर्च हो रही है, लेकिन टीका उपलब्ध होने में एक साल से ज्यादा का समय
जो स्वस्थ है, उन्हें मास्क पहनने की आवश्यकता नहीं है. अगर ठीक से न पहना जाए तो मारक सक्रमण के खतरे को बढ़ा सकता है. एन95 रेस्पिरेटर की जमाखोरी नही
करनी चाहिए, ताकि जिनको ज्यादा आवश्कता है उन्हें यह उपलब्ध हो सके जिन्हें कोरोना वायरस का संक्रमण हो चुका है, जिनके दूसरों को सक्रमिक करने की आशका है और जो सक्रमित मरीज की दाल के काम में लगो हैं, उन्हें गास्क पहनना चाहिए
क्या गर्मी से वायरस मर सकते हैं?
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, हैड डायट से वायरस नहीं ट सकते हैं. अल्ट्रावायलेट किरणों भी ठीक नहीं है, बल्कि वे त्वचा को झुलसा सकती है. इसकी पुष्टि करने का कोई तरीका नही है कि ठी के मौसम तो या तापमान तने पट वायरस मट जाएगो.
क्या बध्ये कोरोना वायरस से संक्रमित नही होते?
यह एक मिथक है, किसी भी आयु वग का कोई भी व्यक्ति कोरोना वायरस से सक्रमित हो सकता है. बुजुर्ग और उन्हें पहले से ही बीमारिया है, उन्हें गभीर सक्रमण का खतरा
अधिक है, जिन्हें डायबिटीज की ठा समस्या है, हृदय की बामारी है, जाट अस्थमा, सीओपीडी है, जो लबे समय से दवाइयों का सेवन कर रहे है और जिन्होंने कोई अग प्रत्यारोपण कराया है, उन्हें ज्यादा जोखिा है, वया कोरोना वायरस संक्रमित सभी लोगो की मृत्यु हो जाएगी?
वास्तव में उनमें से अधिकाश लोग स्वस्थ हो जाते है. इसके शुरुआती लक्षण में सर्दी, खासी, बुखार, नाक बहना, गले में खराश और सिरदर्द शामिल है. इनमें से अधिकाश लक्षण एक सप्ताह के भीतर खुद ही ठीक हो जाते है.
यह बीमारी उन्ही लोगों के लिए घातक हो सकती है जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो. इससे सक्रमित 97 प्रतिशत लोगा टीक हो रहे है.
क्या इसे जानबूझकर फैलाया गया?
कई वायरस समय के साथ बदलते रहते है.कमी-कभी कोई बीमारी का प्रकोप तब बढ़ता है।वाले वायरस मनुष्यों में प्रवेश कर इसे फैलाया.
क्या मास्क आपकी रक्षा कर सकता है?
एन95 टाइप के कुछ माक आपकी रथा कर होते. मुंह या नाक को हक के लिए यदि आप दुसरे या रूमाल को मारक जैसे इस्तेमाल कर रहे है, तो ये बीमारी को नहीं रोक पाएगे वास्तव में हर समय नाक और मुंह पर मारक चढाए रखने से संक्रमण फैलने की संभावना बढ जाती है.
क्या यह कोरोना महामारी एक माह तक जारी रहेगी?
फिलहाल यह नहीं कहा जा सकता है, लेकिन जैसा कि चीन जहा इस वायरस की उताति हुई, उरो देखते हुए लगता है कि इस संक्रमण को कम करने के लिए हमें कम से कम एक महीने का वक्त लगेगा. अन्य वायरस संक्रमण की तुलना में कोरोना वायरस के मामले में मृत्यु दर बहुत का है. धरने के बदले सामान्य सुरक्षात्मक उपाय करने चाहिए