इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज है चौदह माह का आस्तिक्य

नागपूर: 15 महीने की उम्र तक बच्चे 5 शब्द बोलने लगते है। हालांकि 14 महीने के अस्तिक्य मृगशिष ने 15 क्रियाओं, शरीर के अंगों, सब्जियों और जानवरों का नाम लेते हुए इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में अपना नाम दर्ज करा लिया है। वह ऐसा चमत्कार करने वाले देश के पहले लड़के बन गए हैं।

बहुत कम उम्र में माता-पिता बच्चों को मोबाइल दे देते हैं। इससे उनकी भाषा पर प्रभाव पड़ता दिखाई दिया है। नतीजतन, कुछ भी अवशोषित करने की उनकी क्षमता कम हो जाती है। तो आस्तिक के पैदा होते ही मां मृगा और पिता आशीष ने टीवी और मोबाइल घर से निकाल दिया। इसके अलावा वह उससे कई तरह की गतिविधियां करवाने लगे।

इसमें पहेलियाँ, वार्तालाप, पॅसेज, भाषा शामिल हैं। इसलिए सामान्य बच्चे पांच शब्द बोलते हैं, उतने से कही अधिक शब्द आस्तिक बोलने लगा। इससे मृगा और आशीष ने इस उपलब्धि को इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज कराया। इसके बाद इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स द्वारा साक्ष्यों की सावधानीपूर्वक जांच की गई। इसके अलावा, रिकॉर्ड डेटाबेस में विसंगतियों की विस्तृत जांच के बाद, उन्होंने जुलाई में इसका प्रदर्शन किया और इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में नाम दर्ज किया। प्रमाण पत्र और पुरस्कार अगस्त में इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स के माध्यम से भेजे गए थे।

ऐसा है रिकॉर्ड

अस्तिक्य मृगशिश (जन्म 5 मई 2020) ने इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में शरीर के 10 हिस्सों की पहचान की। इसके अलावा 5 रिश्तेदारों, 6 जानवरों, 4 वाहन, 5 फल, 10 घरेलू सामानों की पहचान कर जानकारी दी गई। उन्होंने 15 कार्यों के बारे में भी विस्तार से बताया। खास बात यह है कि वह चार जानवरों की आवाज की नकल भी करता था। उस समय वह 14 महीने का था।‌‌

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