सोयाबीन को लेकर जिले के किसान चिंतित,इस वर्ष जमीन को परती रखने का लिया निर्णय
जिला नागपुर: तालुका कृषि कार्यालय की तरफ से किसानों को घर में सोयाबीन के बीज के उपयोग, अंकुरण क्षमता निरीक्षण एवम बीज प्रसंस्करण के बारे में अवगत करवाने के लिए एक प्रदर्शन अभियान चलाया जा रहा है। किंतु तालुका कृषि विभाग किसानों से बीज की अंकुरण क्षमता की जांच करने की अपील कर रहा है, भले ही उन्होंने पास से या बाजार से बीज खरीदे हों।हालांकि, टेकड़ी शिवरा नागपुर के ग्रामीण किसानों ने निर्णय लिया है कि वे इस वर्ष जमीन को परती रखेंगे, लेकिन सोयाबीन नहीं बोएंगे।
दरअसल पिछले वर्ष कई किसानों ने रोटावेटर को खड़ी फसल में घुमाया था, यह देखते हुए कि सोयाबीन की फसल पर कीटों के कारण फल नहीं लग रहे यहां तक कि रोपण की लागत तक की वसूली नहीं की जा सकती है।
हालांकि, कृषि विभाग ने सोयाबीन की बुवाई के लिए कृषि के महत्वपूर्ण पहलुओं पर मार्गदर्शन देना शुरू कर दिया है।
कुछ किसानों का कहना है की पांच हजार रुपए प्रति एकड़ खर्च किया। सोयाबीन की वृद्धि की गारंटी देने वाला या नहीं देने वाला कोई नहीं है। जमीन को परती ही रखना बेहतर होगा। पिछले वर्ष खेत में एक भी बीज नहीं उगा था। सरकारी सहायता एक से भी कोई बड़ी मदद नहीं मिलती है। और इसके साथ ही सोयाबीन उगा है या नहीं इसकी गारंटी कोई दुकानदार नहीं देता है।