क्या आप जानते है पश्चिम मुखी घरों में किस प्रकार की ऊर्जा होती है?

हमारा घर शुभफलदायी हो और रहवासियों को सफलता तथा सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करने वाला हो ऐसा सभी चाहते हैं।
लेकिन कई लोगों के मन में ये धारणा होती है कि वेस्ट फेसिंग घर शुभ नहीं होते और पश्चिममुखी घरों को महत्व नहीं दिया जाता।
किन्तु हमारे वास्तु शास्त्र एक्सपर्ट्स डॉ गोपाल
ढोम्ने का मानना है कि सभी दिशाएं समान होती हैं, लेकिन हां उनकी कुछ सीमाएं होती हैं और हर व्यक्ति को इसके बारे में मालूम होना चाहिए जिससे बिना किसी भ्रम या रुकावट के घर में सकारात्मकता आती रहे।
आइए आज हम जानते है कि पश्चिममुखी घरों में किस तरह की ऊर्जा होती है और हम किस प्रकार इसका लाभ ले सकते हैं।
किस प्रकार के होते हैं पश्चिममुखी घर?
यदि आपके घर का मुख्य द्वार पश्चिम दिशा की ओर है तो इस व्यवस्था को पश्चिममुखी घर कहा जाता है। कई लोग इन घरों को शुभ नहीं मानते लेकिन वास्तु एक्सपर्ट्स की राय इस बात पर अलग है।
वेस्ट फेसिंग घरों में मेन गेट्स
पश्चिमुखी घरों के मुख्य द्वार थोड़ा उत्तर अथवा पश्चिम या फिर बीच में ही होने चाहिए। इन घरों के द्वार कभी भी साउथ-वेस्ट दिशा में नहीं लगाना चाहिए।
यदि नॉर्थ वेस्ट कॉर्नर से साउथ वेस्ट कॉर्नर तक नौ बराबर हिस्सों या पाड़ा में लंबाई को विभाजित किया जाए, जिसमें पहला पाड़ा नॉर्थ वेस्ट तथा नौंवा पाड़ा साउथ वेस्ट, पांचवा तथा छठा पाड़ा मुख्य द्वार के लिए सबसे बेहतर हैं।
इसके साथ ही घर के स्वामी को सातवां, आठवां तथा नौवां पाड़ा एंट्री के लिए पूरी तरह नजरअंदाज करना ही बेहतर होता है।क्योंकि यह कॉर्नर नकारात्मक उर्जा के लिए जाना जाता है।
पश्चिममुखी घरों में रूम
वेस्ट फेसिंग घरों में बच्चों का रूम दक्षिण या पश्चिम अथवा उत्तर पश्चिम में रख सकते हैं। इसके साथ ही गेस्ट रूम नॉर्थ वेस्ट में बनवा सकते हैं।वास्तु शास्त्रानुसार पूजा रूम तथा लिविंग रूम घर के नॉर्थ ईस्ट हिस्से में होना चाहिए। घर का यह भाग सबसे ज्यादा शुभ माना जाता है।
यदि आपका घर मल्टी स्टोरी है तो मास्टर बेडरूम टॉप फ्लोर पर होना बेहतर माना जाता है।मास्टर बेडरूम के लिए,साउथ वेस्ट दिशा सबसे अच्छी है। किचन के लिए,साउथ ईस्ट कॉर्नर को महत्वपूर्ण कॉर्नर माना गया है।
पश्चिममुखी घरों के लिए वास्तु के रंग
वास्तु के अनुसार, वेस्ट फेसिंग प्लॉट्स के लिए आइडियल कलर व्हाइट, सिल्वर,येलो और बेज हैं। ज्यादातर ये कलर न्यूट्रल टोन्स के हैं, इसी वजह से उन घरों के लिए उचित हैं।जो पश्चिम दिशा से आने वाली सकारात्मक ऊर्जा को और बढ़ाने पर फोकस करते हैं।
किन्तु यदि घर किसी अन्य दिशा के बजाए पश्चिम की ओर ज्यादा फैलाव पर है तो नीले रंग के हल्के शेड को भी लगाया जा सकता है।इसके साथ ही आप ऑफ व्हाइट व क्रीम के कलर शेड्स का भी उपयोग कर सकते हैं क्योंकि इन्हें भी वास्तु-न्यूट्रल रंग माना जाता हैं।ध्यान रहे अपने वेस्ट फेसिंग घर को बहुत ज्यादा चमकीले कलर से पैन्ट ना करवाएं।
पश्चिममुखी भवन के लिए मुख्य वास्तु टिप्स
यदि आपका मुख्य द्वार साउथ वेस्ट में है तो इस वास्तु दोष को दूर करने के लिए आपको वास्तु एक्सपर्ट की सलाह जरूर ही लेनी।
ऐसा प्लॉट ना खरीदें जो साउथ से ज्यादा नॉर्थ में ऊंचा हो। जबकि जिस प्लॉट में साउथ से नॉर्थ की तरफ ढलान होती है, उसे शुभ माना गया है।
साउथ तथा वेस्ट कॉर्नर की दीवार ईस्ट व नॉर्थ के मुकाबले थोड़ी मोटी और ऊंची होनी चाहिए।
ध्यान रखें ,साउथ वेस्ट कॉर्नर में बोरवेल अथवा वाटर पंप न लगवाएं।
घर में खिड़की और दरवाजों की कुल संख्या एक समान होने चाहिए।
ध्यान रहे कि ऐसा फ्लैट न खरीदें, जिसका दक्षिण पश्चिम में एक्सटेंशन हो।
पश्चिम दिशा ओवरहेड वाटर टैंक,डाइनिंग हॉल,
किड्स रूम ,स्टडी रूम ,साथ ही टॉयलेट के लिए अच्छी है।
अब कुछ मुख्य प्रश्न और समाधान
क्या पश्चिम मुखी घर के भी कुछ फायदे हैं?
वेस्ट फेसिंग घर उन लोगों के लिए शुभ साबित होता हैं, जिन्हें सामाजिक गतिविधियों में रुचि है।जैसे कुछ लोग राजनीतिक लीडर, टीचर या रिलिजियस गुरु या बिजनेसमैन होते हैं, उनके लिए पश्चिम मुखी घर लाभदायक होता है।
क्या पश्चिम दिशा की ओर मुख्य द्वार अच्छे होते हैं?
पश्चिम दिशा की तरफ मुंह वाले घरों में मुख्य द्वार या तो थोड़ा नॉर्थ वेस्ट कॉर्नर अथवा बीच में होना बेहतर माना गया है।